पटना/नई दिल्ली। संसद में महिला आरक्षण विधेयक को जदयू ने समर्थन दिया है। आईएनडीआईए महागठबंधन में शामिल इस पार्टी ने समर्थन देने के साथ ही इस विधेयक को इस समय सदन में लाए जाने को लेकर केंद्र सरकार की जमकर आलोचना भी की।
संसद में जारी बहस के दौरान जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने काफी जोर-शोर से अपनी बात रखी। उन्होंने विधेयक का समर्थन तो जरूर किया, लेकिन केंद्र सरकार को काफी खरी-खोटी भी सुनाई।
जदयू सांसद ललन सिंह ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि इस विधेयक को लाने का मकसद महिलाओं को संसद में या विधानसभा में आरक्षण देना नहीं है। ये 26 पार्टियों का जो आईएनडीआईए गठबंधन बना है, उसका पैनिक रिएक्शन है। इनकी कोई मंशा नहीं है। ये जुमला है सबसे बड़ा। 2024 का चुनावी जुमला है।
उन्होंने कहा कि ये महिलाओं को छलने का काम इस बार करना चाहते हैं। 2014 में इन्होंने इस देश के बेरोजगारों को छला- 2 करोड़ लोगों को रोजगार का वादा करके। 2014 में इन्होंने इस देश के गरीबों को छला- कालाधन लाएंगे, सबके खाते में 15 लाख-20 लाख पहुंचाएंगे।
उन्होंने कहा कि इस बार इस देश की महिलाओं को ये छलना चाहते हैं। इनकी मंशा नहीं है। अगर इनकी मंशा होती तो 2021 में इन्होंने जातीय आधारित जनगणना प्रारंभ कराई होती।
इसलिए कि इस देश की मांग है, आवश्यकता है कि जातीय आधारित जनगणना आप कराएं। इस सदन में मांग होती रही, पर आप नहीं कराए। क्योंकि आपको कराना नहीं है।
आप गरीबों, अतिपिछड़ों, पिछड़ों के प्रति न्याय करने में आपका विश्वास नहीं है, आपका भरोसा नहीं है। इसलिए आपने जनगणना नहीं कराई। आपने कराई होती तो अब तक जनगणना खत्म हो गई होती।
आज लागू हो गया होता महिला आरक्षण बिल, बल्कि इसकी जरूरत ही नहीं पड़ती। लेकिन आपकी मंशा ही नहीं है।
आपने 334ए प्रावधान जो किया है, वो अनिश्चितकाल तक चलता रहेगा और 2024 का भारी जुमलेबाजी करके महिलाओं को छलने का काम करेंगे।
लेकिन महिलाएं और देश की जनता जान गई है कि आप भारी जुमलेबाज हैं, आपके किसी जुमले पर उसको भरोसा नहीं है।