पटना

मुजफ्फरपुर: जल जीवन हरियाली को जन आंदोलन का रूप देने की जरूरत


    • संसाधनों का उपयोग ऐसे करें कि भावी पीढ़ी भी याद रखे : डीएम
    • जल जीवन हरियाली दिवस पर परिचर्चा का आयोजन

मुजफ्फरपुर। जिला परिषद सभागार में जल जीवन हरियाली दिवस का आयोजन किया गया। उक्त आयोजन ग्रामीण विकास विभाग के तत्वावधान में नोडल विभाग कृषि विभाग द्वारा उक्त दिवस का आयोजन किया गया। आज का विषय जो वैकल्पिक फसलों, टपकन सिंचाई ,जैविक खेती एवं अन्य कई तकनीकी का उपयोग विषय पर आधारित था, परिचर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के आरंभ में जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा जिलाधिकारी प्रणव कुमार  को तथा उपस्थित अन्य वरीय पदाधिकारी को पौधा देकर सम्मानित किया गया।

मौके पर उपस्थित जिलाधिकारी मुजफ्फरपुर प्रणव कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि जलवायु परिवर्तन एवं पर्यावरण संकट के कारण जो स्थिति उत्पन्न हुई है उसे नियंत्रित करने के मद्देनजर जल जीवन हरियाली कार्यक्रम को एक अभियान के रूप में सामने लाया गया है जिसमें सभी 11 अवयवों पर सरकार द्वारा कार्य किया जा रहा है।

उन्होंने कहा यह अभियान एक ऐसी सोच है जिसके दूरगामी परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि हम अपने संसाधनों का प्रयोग इस तरह से करें कि आने वाली पीढ़ियां भी उसका बेहतर इस्तेमाल कर सकें। हमें उनके बारे में भी सोचना है। उन्होंने कहा कि कोई एकविभाग नहीं बल्कि विभिन्न विभागों के परस्पर समन्वय से इस अभियान को मूर्त रूप दिया जा रहा है।

उन्होंने टपकन सिंचाई के बारे में बताया कि सिंचाई की इस पद्दति से जल को मंद गति से बूंद-बूंद के रूप में फसलों के जल क्षेत्र में एक छोटी व्यास की प्लास्टिक पाइप से प्रदान किया जाता है। इस पद्धति से जल का सीमित तरीके से उपयोग होता है और जल की हानि कम होती है।

उन्होंने वैकल्पिक फसलों से सम्बंधित कृषि कार्य को लेकर किसानों में जागरूकता लाने और और इसका प्रचार प्रसार को की गति और बढ़ाने की बात कही। साथ ही जैविक खेती को लेकर किसानों को जागरूक करने हेतु उनके बीच सघन जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाने पर भी बल दिया।

उन्होंने कहा कि इससे भूमि की उपजाऊ क्षमता में वृद्धि होती है, लागत में कमी, फसलों की उत्पादकता में वृद्धि, भूमि की जल-धारण क्षमता में वृद्धि, भूमि के गुणवत्ता में सुधार और भूमि के जलस्तर में वृद्धि इत्यादि जैविक खेती के लाभ हैं।

बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी चंद्रशेखर सिंह, उप विकास आयुक्त सुनील कुमार झा तथा अन्य पदाधिकारियों ने भी अपनी बातों को रखा और जल-जीवन-हरियाली अभियान को जन-आंदोलन का रूप देने की बात कही। उन्होंने कहा कि सरकारी विभागों के साथ-साथ सामुदायिक सहभागिता भी इस अभियान के सफलता में अहम भूमिका निभाती है। अतः प्रचार-प्रसार के द्वारा समाज के सभी वर्ग के लोगों को जागरूक करते हुए इस अभियान में जोड़ने की बात कही गई।

इस कार्यक्रम में अपर समाहर्ता राजेश कुमार, अपर समाहर्ता आपदा डॉ अजय कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी पश्चिमी, डीसीएलआर पश्चिमी, अपर नगर आयुक्त, डीपीआरओ के साथ-साथ सभी विभागों के पदाधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे।