डायटिशियन की छात्राओं ने विभिन्न प्रकार के लिक्विड डायट पर किया शोध
मुजफ्फरपुर। एमडीडीएम कॉलेज सीएनडी विभाग के तृतीय वर्ष कि छात्राओं द्वारा शुक्रवार को लैब मे विभिन्न प्रकार के तरल व्यंजन तैयार किये गए जिसमे मुख्य रूप से अदरक और गाजर का सुप हिमांसी,सलोनी,गुड़िया और साक्षी द्वारा बनाया गया और विभिन्न प्रकार के सब्जियो का सुप अंकिता पांडेय, रिंकी, कोमल, रेशम, सोनाली, ऋतू द्वारा बनाया गया वहीं मूंग दाल और दलिया का सुप श्रेया, फरिया, आक्शा, कोमल और निहारिका के द्वारा तैयार किया गया।
प्राचार्य डा॰ कनुप्रिया ने कहा कि तरल आहार स्वस्थ रहने और वजन कम करने का बढिया विकल्प है। डायट प्लान के तहत अपने खाने मे ज्यादा से ज्यादा जूस या स्मूडी को शामिल हमे करना चाहिये। इस प्लान मे कैलोरी और क्राबोहाइड्रेट की मात्रा कम होती है जिससे हम कई तहत की कैलोरी घटा लेते है हमारा वजन कम होता है मेटाब्लोजिम सही रहता है शरीर को उचित पोषण मिलता है।
सीएनडी विभाग की शिक्षक डा॰ निशी रानी ने कहा कि तरल आहार मे ऐसे पदार्थ हैं जो आसानी से पच जाते है इसमें अस्पष्ट तरल आहार और दूध मे अनुमति वाले खाद्य पदार्थ बहुत काम मात्रा मे रेसा, प्रोटीन और वसा शामिल हैं जो पाचन तंत्र को आराम देने के लिए उपयोग किया जाता है। यह डायट ज्यादातर वैसे मरीज़ को दिया जाता हैं जो ठोस आहार नहीं ले सकते जिन्हे निगलने मे कठिनाई आती है जैसे कि ऑपरेशन वाले मरीज़ के लिये यह डायट काफी लाभदायक है।
यह आहार सिर्फ दो से तीन दिनों तक दिया जाता हैं और दो से चार घंटे के अंतराल पर दिया जाता है। लगभग 1000-1200 किलो कैलोरी और 30-35 ग्राम प्रोटीन यह शरीर को देता हैं। मौके पर बर्सर डा॰ कुसुम कुमारी, सीएनडी विभाग की डॉ नीलू कुमारी, डॉ मंजुला वर्मा, पंखुरी स्वराज सहित दर्जनो छात्राऐं मौजूद रही।