लंदन(हि.स.)। चीन में उइगर मुसलमानों के नरसंहार, मानवाधिकार उल्लंघन और शोषण का मामले लगातार दुनिया में सुर्खियां बटोर रहे हैं। ब्रिटिश विदेश कार्यालय के मंत्री निगेल एडम्स ने कहा है कि चीन के शिनजियांग क्षेत्र में उइगर मुसलमानों से जबरन श्रम करवाने के विश्वसनीय प्रमाण भी अब सामने आ चुके हैं । मंत्री निगेल एडम्स के अनुसार शिजियांग और चीन के अन्य हिस्सों में उईगरों पर हो रहे अत्याचारों को लेकर ब्रिटेन सरकार चिंतित है। निगेल एडम्स ने बीबीसी के नए शोध के हवाले से बताया कि शिनजियांग के पश्चिमी क्षेत्र के विशाल कॉटन के खेतों में हजारों उइगरों और अन्य अल्पसंख्यकों को कठिन श्रम के लिए मजबूर किया जा रहा है। जानकारों का कहना है कि चीन ने 10 लाख से ज्यादा लोगों को हिरासत में रख कर उनसे उनका धर्म और परंपरा छोडऩे को मजबूर कर रहा है। रिपोर्ट के अनुसार चीन ने लाखों लोगों को शिविरों में जबरन हिरासत में रखा हुआ है। इसके अलावा उइगरों से जबरदस्ती कपड़ा कारखानों में काम करवाया जा रहा है। हालांकि चीन सरकार ने इन दावों को नकारते हुए कहा है कि वह इन शिविरों में उइगरों को व्यावसायिक प्रशिक्षण दे रहा हैं। इसके अलावा उसका दावा है कि ये कारखाने गरीबी उन्मूलन योजना का हिस्सा हैं और यह लोग स्वैच्छिक रूप से इससे जुड़ते हैं। गौरतलब है कि इससे पहले न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिसर्च रिपोर्ट में खुलासा किया गया था कि उत्तर पश्चिमी चीन के शिनजियांग में उइगर मुसलमानों को कड़ी पाबंदियों में रखा गया है जिस कारण ये लोग चीनी प्रशासन से काफी खफा हैं। इन लोगों के मुस्लिम अरबी में अपनी कुरान पढऩे तक रोक है। इस समुदाय का आऱोप है कि चीन सरकार उन लोगों को इनके धर्म से दूर रख कर उनका धार्मिक संहार कर रही है। बता दें कि पूर्वी तुर्किस्तान को चीन में शिनजियांग क्षेत्र का नाम दिया गया है। और यहां रहने वाले उइगर समुदाय के लोग सालों से इस क्षेत्र की आजादी की मांग कर रहे हैं। चीन में उइगर मुसलमानों के खिलाफ नरसंहार, मानवाधिकार उल्लंघन और शोषण का मामला अब इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट पहुंच गया है। उइगर समुदाय से जुड़ी पूर्वी तुर्किस्तान की निर्वासित सरकार और जागरूकता आंदोलन चलाने वाली संस्था ने संयुक्त रूप से यह मामला दर्ज कराया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सत्ता में आते ही उइगर मुसलमानों के साथ साम,दाम, दंड, भेद की नीति अपनाते हुए उन पर अपने धर्म को त्यागने और चीन की हुकूमत को स्वीकारने का दबाव बढ़ा दिया है। इस क्षेत्र में सरकार उइगरों से गलियों और सड़कों की सफाई करवा रही है। युवाओं से जबरन बड़ी फैक्ट्रियों में ले जाकर काम करवाया जा रहा है। इस बीच चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ने संकेत दिया है कि शिनजियांग प्रांत में कार्रवाई बंद नहीं होगी, लेकिन सरकार चरमपंथ के मूल कारणों पर ध्यान केंद्रित करेगी। शिनजियांग प्रांत के पार्टी पदाधिकारी शू गूशियांग ने कहा कि हम इस समय निश्चिंत नहीं हो सकते, क्योंकि खतरा अब भी बना हुआ है। एक साक्षात्कार में गूशियांग ने कहा कि शिनजियांग क्षेत्र में उइगर और मुख्य रूप से मुसलमानों का समूह कथित मानवाधिकार उल्लंघन के मामले में अमेरिका और दूसरे पश्चिमी देशों के साथ मतभेद का प्रमुख कारण हैं।