राजगीर (नालंदा)(आससे)। अनुमंडलीय अस्पताल परिसर में बन रहे शिशु व प्रसव वार्ड भवन के घटिया निर्माण कार्य किए जाने की शिकायत पर जिले के भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता विनय कुमार सिंह अपने टीम के सदस्यों के साथ राजगीर अनुमंडलीय अस्पताल पहुंच कर कार्यस्थल का जांच किए।
कार्यपालक अभियंता विनय कुमार सिंह ने कहा कि दीवार की फाउंडेशन को देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि कोई पुराने भवन बनाने की तरह पाइलिंग की गई है, फिर भी हमें यह देखना है कि यह शिशु वार्ड का भवन डिजाइन, नक्शे के आधार पर काम हो रहा है कि नहीं, अगर डिजाइन के आधार पर काम हो रही है तो भवन भी ठीक-ठाक बनेंगे, लेकिन अगर डिजाइन व नक्शे के आधार पर काम नहीं हो रही है तो जो भी इस के संवेदक हैं उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि यह शिशु व प्रसव वार्ड भवन के निर्माण को लेकर जल्द ही इसकी डिजाइन के आधार पर कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भवन बनाने में जो भी मटेरियल लाया जाएगा वह उच्च क्वालिटी का रहेगा किसी प्रकार की कोई घटिया निर्माण नहीं होगा। उन्होंने कहा कि जो प्राक्कलन योजना के आधार पर इसकी लागत दी गई है उसमें कोई कमी नहीं होगी।
भवन विभाग के कार्यपालक अभियंता विनय कुमार सिंह ने कहा कि राजगीर अस्पताल परिसर में बन रहे प्रसव एवं शिशु वार्ड की भवन को लेकर यहां के स्थानीय वार्ड पार्षद श्रवन कुमार सहित स्थानीय लोगों ने घटिया निर्माण को लेकर रोक लगाते हुए जिला प्रशासन सहित विभाग से इसकी शिकायत की किया गया था जिसकी जांच करने आया हूं। उन्होंने कहा कि जो भी यहां पर कार्य होंगे उसमें कोई कमी नहीं आएगी।
श्री सिंह ने वार्ड पार्षद श्रवन कुमार एवं स्थानीय लोगों को धन्यवाद भी दिया कि इस फाउंडेशन के शुरुआती दौर में ही आप लोगों ने जो रोक कर शिकायत लगाई है वह बहुत ही अच्छी बात है। हम भी चाहते हैं कि जो भी कार्य हो वह टिकाऊ हो, उसमें किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस अस्पताल परिसर में शिशु व प्रसव वार्ड के लिए बनाए जा रहे हैं भवन का निर्माण अब विभाग की नजर में भी रहेगी। उन्होंने कहा कि हम लोग भी चाहते हैं भवन मजबूत और अच्छा बने ताकि भविष्य में कोई परेशानी ना हो।
बताया जाता है कि वार्ड पार्षद श्रवण कुमार ने डीएम से इस निर्माण को लेकर शिकायत की थी जहां उन्होंने परिसर में बन रहे भवन में घटिया किस्म का इंट व सीमेंट प्रयोग किया जा रहा है। इसकी शिकायत उन्होंने पहले एसडीओ से की थी। एसडीओ ने 19 फरवरी को निर्माण पर रोक लगायी थी और कमेटी गठन कर जांच करने का आदेश दिया था। इसके बाद भी बिना कमेटी की जांच रिपोर्ट के संवेदक ने सोमवार को एक बार फिर से वहां पर काम लगाकर साक्ष्य मिटाने का प्रयास किया।
पार्षद श्रवण कुमार ने कहा कि मनमानी तरीके से काम किया जा रहा है। यह ठीक नहीं है। यह एक अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक नगरी है। यहां का अस्पताल हर मायने में बेहतर हो। इस भवन के निर्माण में न तो कोई पाइलिंग की गयी है और न ही बालू और सीमेंट की मात्रा सही दी गयी है। वहीं पुराने भवन को बिना स्वास्थ्य विभाग की अनुमति के ही तोड़ दी गयी। पार्षद ने डीएम से भवन का निर्माण प्राकलन के अनुसार करवाने की मांग की।
परिसर में चल रहे निर्माण कार्य की न तो जानकारी है और न यह पता है कि इसका क्या प्राकलन है। कौन काम करा रहा है। यह सब से यही लगता है कि ये लोग सिर्फ खानापूर्ति करने में लगे हैं। पार्षद ने कहा कि एसडीओ के काम बंद कराने के बाद भी संवेदक ने वहां से घटिया किस्म के ईंट, बालू को हटा लिया।
वहीं यह भवन बिना भूकंपरोधी के बनाया जा रहा है जो कभी भी ध्वस्त हो सकता है। इसमें बच्चा व जच्चा रहेंगे। इसकी बेहतर निर्माण हो। उन्होंने कहा कि परिसर में भवन के लिए काफी जमीन थी। इसके बाद भी मुख्य द्वार के पास इसे बनाया जाना कतई उचित नहीं जान पड़ता है।