पटना

खगड़िया: जिले में कंटेन्मेंट जोन को लेकर जिलाधिकारी ने की समीक्षा बैठक, अधीनस्थों को दिए निर्देश


जिले बढ़ रहा संक्रमण का दायरा बना चिंता का विषय                           

खगड़िया (आससे) जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने हेतु जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष ने  आज समाहरणालय सभा कक्ष में अधिकारियों के साथ बैठक कर निर्मित कंटेनमेंट जोनों की समीक्षा की एवं सभी अनुमंडल पदाधिकारियों, प्रखंड विकास पदाधिकारियों एवं अंचल अधिकारियों के साथ स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों को जरूरी निदेश दिए।

जिलाधिकारी  ने बैठक में उपस्थित लोगों को अवगत कराया कि अभी खगड़िया जिले में कोरोना के 1500 से ज्यादा सक्रिय मामले हैं। जिले से अनुमंडलों को भेजे जा रहे  आंकड़ों को फिल्टर करके सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को ससमय भेजा जाना आवश्यक है, ताकि कंटेनमेंट जोन को तार्किक आधार पर बनाया जा सके।  उन्होंने कहा कि पूर्व में  माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाया जा रहा था, जिसे समाप्त करते हुए अब पुनः गत वर्ष की भांति कंटेनमेंट जोन बनाया जा रहा है और उससे संबंधित सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन किया जाना है।

जिलाधिकारी ने कहा कि जिले में कोरोना संक्रमण की स्थिति भयावह होती जा रही है, नगर परिषद खगड़िया और परबत्ता में विशेष रुप से संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। इसे देखते हुए सभी को अलर्ट मोड में रहना है और कार्य करना है। यदि एक गांव में कई मामले हो तो पूरे गांव को कंटेनमेंट जोन बनाते हुए सील किया जा सकता है। बांस-बल्ले से घेराबंदी करते ही लोग सावधान होकर परहेज करने लगते हैं।

जिलाधिकारी  ने स्पष्ट निर्देश दिया कि ना तो बहुत ज्यादा कंटेनमेंट जोन बनाने हैं और ना ही कम। आवश्यकतानुसार सोच समझकर व्यवहारिक कंटेनमेंट जोन बनाना है। एक-एक संक्रमित व्यक्ति के साथ आशा वर्कर और एएनएम संबद्ध किए जाए, जो पूरी तरह से  सचेत रहकर कार्य करें। उनको संक्रमित व्यक्ति का तापमान, पल्स, ऑक्सीजन स्तर इत्यादि आंकड़ा भरने के लिए एक रजिस्टर भी दिया जाए। सभी आशा फैसिलिटेटर को इस संबंध में प्रशिक्षण भी दिए जाने पर बैठक में जोर दिया गया।

जिलाधिकारी ने संक्रमित व्यक्तियों के ऑक्सीजन स्तर की नियमित जांच को आवश्यक मानते हुए कहा कि यदि ऑक्सीजन स्तर कम होने पर मरीजों को कोविड केयर सेंटर या डेडीकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर में भर्ती कराई जाए, तो उनके संक्रमणमुक्त एवं स्वस्थ होने की संभावना बढ़ जाती है। नियमित जांच से यह पता चल जाएगा कि संक्रमित व्यक्ति को अस्पताल में कब भर्ती कराने की जरूरत है। संक्रमित व्यक्तियों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा मेडिकल किट उपलब्ध कराने पर भी जिलाधिकारी महोदय ने बल दिया।

उन्होंने सभी प्रखंडों का एक प्रभारी पदाधिकारी बनाने का भी निदेश दिया । इन प्रभारी पदाधिकारियों के साथ प्रखंड विकास पदाधिकारी अंचल अधिकारी एवं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एक टीम के रूप में काम करते हुए अपने-अपने प्रखंड में कंटेनमेंट जोन के निर्माण, वहां पहुंचाए जाने वाली आवश्यक व्यवस्थाओं का अनुश्रवण करेंगे और जिला पदाधिकारी महोदय को अवगत कराएंगे।

अनुमंडल पदाधिकारी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अपने-अपने अनुमंडल में कंटेनमेंट जोनों में मजिस्ट्रेट की प्रतिनियुक्ति करेंगे।  सभी थानों की गश्ती गाड़ी अपने क्षेत्र में स्थित कंटेनमेंट जोनों का सुबह-शाम भ्रमण करेगी एवं सरकारी दिशानिर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कराएगी।

जिलाधिकारी महोदय ने सभी संबंधितों को स्थानीय भाषा में आस-पास के कंटेनमेंट जोन के कोरोना संक्रमितों की संख्या बताते हुए माईकिंग कराने का निर्देश दिया, ताकि लोग सचेत हो सकें कि उनके इर्द-गिर्द कोरोना संक्रमण फैल चुका है, अतः सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए मास्क पहनने, सामाजिक दूरी का पालन करने, साबुन से लगातार हाथ धोते रहने , भीड़-भाड़ में न जाने तथा लक्षण दिखने पर जांच कराने जैसी सावधानियां बरतनी आवश्यक है। साथ ही नंबर आने पर टीकाकरण कराना भी अत्यावश्यक है।

कोविड संबंधित व्ययों की साप्ताहिक समीक्षा एक समिति द्वारा की जाएगी। सभी उचित व्ययों का अनुमोदन इस समिति द्वारा किया जाएगा। यह समिति सिविल सर्जन के नेतृत्व में काम करेगी एवं उनकी सहायता करेगी।

इस बैठक में अपर समाहर्ता, जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, सिविल सर्जन,  जिला पंचायती राज पदाधिकारी, जिला कल्याण पदाधिकारी, दोनों अनुमंडल पदाधिकारी, सभी वरीय उप समाहर्ता, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, सभी अंचल अधिकारी सहित स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी एवं कर्मी भी मौजूद थे।