Post Views: 711 श्रीश्री रविशंकर जब हम शब्दोंकी शुद्धता को अनुभव करते है, तो हम जीवन की गहराई को अनुभव करते हैं और जीवन जीना आरंभ कर देते हैं। हम सुबह से रात तक शब्दों को ही जीते हैं। हम इनके पीछे के उद्देश्यों को खोजनेमें और उद्देश्यताको खोजनेमें सारे उद्देश्य भूल जाते हैं। यह […]
Post Views: 665 जयति लोगोंके मनमें एक धारणा घर कर गयी है कि परिवारमें किसीका आध्यात्मिक रुझान रिश्तोंके मार्गमें बाधक है। हालांकि आध्यात्मिक मार्ग इस बातकी मांग नहीं करता कि आप अपने रिश्तोंको छोड़ दीजिए लेकिन रिश्ते अक्सर यह मांग करते हैं कि आप आध्यात्मिक राह छोड़ दीजिए। दुर्भाग्यसे बहुत सारे लोग रिश्तोंका ख्याल करके […]