- अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के मुख्यमंत्री पेमा खांडू (Pema Khandu) ने पूर्वोत्तर परिषद (NEC) के कामकाज के तरीके पर असंतोष जताते हुए कहा कि एजेंसी से ‘कुछ भी ठोस नहीं निकल’ रहा है. एक आधिकारिक बयान के अनुसार एनईसी के सचिव के. मोसेज चलाई के साथ शुक्रवार को बैठक में खांडू ने कहा कि हाल में यह बस एक फंडिंग एजेंसी बनकर रह गई है.
उन्होंने कहा, ”हम विमर्श पर विमर्श कर रहे हैं, लेकिन एनईसी से कुछ भी ठोस नहीं निकल रहा है. मेरा मानना है कि इसे बड़ी भूमिका निभानी है. उन्होंने कहा कि एनईसी को खुद को प्रमुख क्षेत्रों में ध्यान देने पर केंद्रित होने के साथ एक क्षेत्रीय विचार संगठन के रूप में खुद को फिर से स्थापित करना चाहिए.
नीति आयोग जैसी हो सकती है भूमिका
खांडू ने कहा कि पूर्वोत्तर में NEC की वही भूमिका हो सकती है, जो नीति आयोग की भूमिका एक सूत्री समाधान की है. उन्होंने चलाई से कहा, ”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हममें पूर्वोत्तर को बदलने की इच्छाशक्ति है. यह आप (NEC) पर है कि आप एक कार्ययोजना के साथ आएं.” उन्होंने कहा कि NEC का एकमात्र एजेंडा वित्तपोषण नहीं होना चाहिए.
पूर्वोत्तर के विकास पर फोकस
केंद्र की मोदी का सरकार का फोकस पूर्वोत्तर के विकास से जुड़ा हुआ है, इसके चलते ही एक्ट ईस्ट नीति को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रयासरत है. एक्ट ईस्ट पॉलिसी का मकसद कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट्स, नागरिकों के बीच संपर्क, मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने का मकदस छुपा हुआ है. एक्ट ईस्ट पॉलिसी नॉर्थ ईस्ट की प्राथमिकता में है.