सम्पादकीय

आमजनको लगा भरोसेका टीका


  रमेश सर्राफ धमोरा

प्रधान मंत्री मोदीके जन्मदिनके अवसरपर एक ऐसा कायक्रम भी संपन्न हो रहा था, जिससे दुनियाभरमें भारतका सम्मान तो बढ़ा ही साथ ही देशवासियोंकी सुरक्षाकी दृष्टिसे एक मीलका पत्थर स्थापित हुआ। भारतके चिकित्सा जगतसे जुड़े लोगोंने प्रधान मंत्रीके जन्मदिनके अवसरपर एक दिनमें ही दो करोड़ पचास लाख लोगोंको कोरोना वैक्सीनकी डोज लगाकर एक रिकॉर्ड कायम किया है। इसके लिए देशके सभी चिकित्साकर्मी एवं टीकाकरणसे जुड़े लोग बधाईके पात्र हैं। किसी भी एक देशमें दिनमें ढाई करोड़से अधिक लोगोंको वैक्सीन लगाना, आश्चर्यसे कम नहीं है। दुनियामें बहुत से देशोंकी तो आबादी ही ढाई करोड़से कम है। जबकि हमारे देशमें एक दिनमें ही ढाई करोड़से अधिक कोरोना टीकेकी खुराक लगायी जा चुकी है। देशमें कोरोना वैक्सीनका टीकाकरण बहुत तेजीसे हो रहा है। देशमें अबतक १८ वर्षसे अधिक आयुके ८० करोड़से अधिक लोगोंको कोरोना वैक्सीनकी एक डोज लगायी जा चुकी है। जबकि करीब बीस करोड़ लोगोंको दोनों डोज लग चुकी है। देशमें प्रतिमाह २० से २५ करोड़ कोरोना वैक्सीनकी डोज लगायी जा रही है। जिनका निर्माण हमारे देशमें ही हो रहा है। आठ महीनेके कम समयमें देशमें आधीसे अधिक आबादीको कोरोना वैक्सीनकी एक डोज लगनेसे देशवासियोंका मनोबल बढ़ा है तथा खुदको कोरोनाके संक्रमणसे सुरक्षित समझने लगे हैं।

एक समय था जब देशमें कोरोना वैक्सीनको लेकर बहुत मारामारी हो रही थी। वैक्सीन आवंटनको लेकर केन्द्र एवं राज्य सरकारों द्वारा एक-दूसरेपर आरोप-प्रत्यारोप लगाये जा रहे थे। कोरोना वैक्सीन केंद्रोंपर उमड़ रही भारी भीड़की फोटो समाचार-पत्रोंकी सुर्खियां बन रही थी। केंद्र सरकार विरोधी दलोंके निशानेपर थी। लोगोंमें टीकाकरणमें होनेवाली देरीको लेकर सरकारके प्रति रोष व्याप्त हो रहा था। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारी एक दूसरेको दोषी ठहरा रही थी। परन्तु आज स्थिति पूरी तरह बदली हुई है। देशमें तेजीसे टीकाकरण हो रहा है। साथ ही टीकाकरणका पूरा खर्च केंद्र सरकार वहन कर रही है। २१ जून विश्व योग दिवससे केंद्र सरकारने १८ वर्षसे अधिक उम्रके सभी लोगोंको नि:शुल्क टीका लगानेका कार्यक्रम शुरू करवाया था जो आज बहुत तेजीसे चल रहा है। उसके बादसे टीकाकरणको लेकर केंद्र एवं राज्य सरकारोंके मध्य व्याप्त आपसी खींचातानी एवं बयानबाजी भी नहीं सुननेको मिल रही है। केंद्र द्वारा चलाये जा रहे टीकाकरण कार्यक्रममें देशकी सभी राज्य सरकारें पूरी सक्रियतासे जुटी हुई है। उसीका परिणाम है कि भारतमें एक दिनमें ढाई करोड़से अधिक टीकाकरण संभव हो पाया है। केंद्र सरकारका मानना है कि दिसम्बर २०२१ तक देशके सभी व्यस्क ९४ करोड़ आबादीको कोरोना वैक्सीनका टीका लगा दिया जायगा, ताकि देशके लोग कोरोना जैसी वैश्विक महामारीसे सुरक्षित हो सके।

हमारे देशमें जिस तेजीसे टीकाकरणका कार्यक्रम चलाया जा रहा है। उससे लगता है कि हम तय समयसे पहले ही टीकाकरणका लक्ष्य हासिल कर लेंगे। देशमें टीकाकरण अभियान सफल होनेका सबसे प्रमुख कारण है कि सरकारने समय रहते टीकाकरण अभियानकी नीति बनायी। देशके वैज्ञानिकोंने टीकेकी खोज की और उसको बनाया। निजी कंपनियोंने अपने संयंत्रोंमें उनका बहुत तेजीसे उत्पादन किया। सरकारने व्यवस्थित तरीकेसे उसे आम व्यक्तितक पहुंचानेकी सुविधा उपलब्ध करायी। देशवासियोंने देशमें निर्मित टीकेपर विश्वास कर उसको लगवाया। देशवासियोंने बिना डरके देशमें निर्मित कोरोनाके टीकेको लगवाकर कोरोनाकी लहरको रोकनेकी दिशामें बहुत बड़ा काम किया है। उसीका परिणाम है कि आज हम कोरोना महामारीको मात देकर सुरक्षा चक्रकी ओर बढ़ रहे हैं। इतना ही नहीं, महाराष्ट्रके पुणेमें स्थित सिरम इंस्टीट्यूटने जहां देशमें पहला कोविशील्ड टीकेका निर्माण किया। वही हैदराबादकी भारत बायोटेक कंपनीने स्वदेशी टीका कोवैक्सीनको बनानेमें सफलता हासिल की। टीकाकरणमें भारत देशवासियोंकी जरूरतोंको तो पूरा कर ही रहा है साथ ही अपने पड़ोसी देशों सहित दुनियाके अन्य कई देशोंको भी कोरोना वैक्सीनके टीके उपलब्ध करवा रहा है। यह भारतका मानवीय पहलू है। अब तो देशमें भारत बायोटेक सहित कई अन्य कम्पनियां दो वर्षसे १८ वर्षकी आयु वर्गके लिए भी टीकेका निर्माण शुरू करने जा रही है।

कोरोनाकी दूसरी लहरसे भारतमें जनधनका बहुत अधिक नुकसान हुआ था। बड़ी संख्यामें लोगोंकी मौत हुई। लोगोंके काम-धंधे पूरी तरह ठप हो गये। देशभरमें आक्सीजन गैसकी किल्लत महसूस की गयी। उसके बाद केंद्र एवं राज्य सरकारे अपना चिकित्सकीय तंत्रको मजबूत बनानेकी दिशामें तेजीसे कार्य कर रही हैं। देशके हर छोटे-बड़े अस्पतालोंमें गैस उत्पादनके संयंत्र लगाये जा रहे हैं। जीवनरक्षक दवाओंका तेजीसे उत्पादन हो रहा है। इन्हीं सबके चलते देशवासी तीसरी लहर आनेकी संभावनासे उतने आशंकित नजर नहीं आ रहे हैं जितना उन्होंने दूसरी लहरके दौरान डरको महसूस किया था। देशमें तेजीसे हो रहे टीकाकरणके कारण देशके आम आदमीका केंद्र एवं राज्य सरकारोंपर भरोसा बढ़ा है। देशवासी खुदको सुरक्षित महसूस करने लगे हैं। अपने आत्मबलकी ताकतपर देशवासी अब किसी भी स्थितिका मुकाबला करनेमें खुदको सक्षम महसूस करने लगे हैं। यह सब भरोसा तेजीसे हो रहे टीकाकरणके कारण ही संभव हो पाया है। इसके लिए टीकाकरणसे जुड़े सभी देशवासी बधाईके पात्र हैं।