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इस बार किस तारीख को दिखेगा रमजान का चांद,


इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक रमजान इस्लामी कैलेंडर का नौंवा महीना होता है. दुनिया भर के मुसलमान इस मौके पर पूरा महीना सुबह से शाम तक उपवास करते हैं. इफ्तार के बाद खास तरह की नमाज तरावीह अदा की जाती है. पूरे महीने मस्जिदों और घरों पर कुरआन को सुनने और सुनाने का सिलसिला चलता है. आखिरी पैगंबर पर कुरआन इसी महीने में उतरना शुरू हुआ था. मुसलमानों के लिए इस लिहाज से महीने का महत्व और भी बढ़ जाता है. रमजान में गरीबों को दान-पुण्य करने और रोजेदारों को इफ्तार कराने का विशेष महत्व है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि ये रमजान का महीना कब से शुरू हो रहा है.

दरअसल, रमजान की शुरुआत चांद दिखने के साथ ही होती है. इस्लामिक धर्मगुरू मौलाना राशिद फिरंगी महली के मुताबिक रमजान का चांद 11 अप्रैल को दिखेगा, अगर इस तारीख को नहीं दिखा तो 12 अप्रैल को दिखेगा. इस तरह अगर 11 अप्रैल को दिखा तो 12 अप्रैल से रमजान शुरू होगा और अगर 12 अप्रैल को दिखा तो 13 अप्रैल से रमजान का महीना शुरू होगा. यानि हर हाल में 13 अप्रैल या उससे पहले रमजान का महीना शुरू हो जाएगा.

एक बार फिर कोरोना काल में रमजान का महीना

चांद नजर आने पर इस्लामी कैलेंडर का नया महीना शुरू हो जाता है. इस साल रमजान 12 अप्रैल, दिन सोमवार को शुरू होकर 12 मई तक रहेगा. अगर चांद 12 अप्रैल को चांद नहीं दिखाई देता है, तब पहला रोजा 14 अप्रैल को रखा जाएगा. रमजान का महीना खुद को संयमित और अनुशासित बनाए रखने का नाम है. महीने के आखिरी दस दिनों के दौरान पांच विषम नंबर की रातों में से एक ‘लैलतुल कद्र’ पड़ता है. रमजान का महीना खत्म होने पर ईद का चांद नजर आता है यानी चांद के दिखाई देने की पुष्टि होने पर ईद की तारीख का एलान होता है.

लेकिन इस बार का रमजान भी पिछले साल की तरह बहुत ज्यादा अलग नहीं है. फर्क सिर्फ इतना है कि पिछले साल पूरी तरह लॉकडाउन के साये में रमजान और ईद बीता था, लेकिन इस बार कुछ जगहों पर नाईट कर्फ्यू या सप्ताहांत पर मिनी लॉकडाउन देखने को मिल रहा है. कोरोना महामारी के बीच शुरू हो रहे महीने को देखते हुए मुस्लिम धर्म गुरुओं ने मुसलमानों को खास संदेश दिया है. बयान में मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने रमजान के दौरान कोविड नियमों का पालन करने की अपील की है.

मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली की अपील

    • कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों और नाइट कर्फ्यू को देखते हुए ही पवित्र महीने में इबादत की जाए.
    • सभी मस्जिदों में कोविड-19 नियमों का पालन हो, किसी मस्जिद में 100 से ज्यादा लोग इकट्ठा ना हों.
    • मस्जिदों में मास्क, सेनिटाइजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन जरूर सुनिश्चित किया जाए.
  • सेहरी में लाउडस्पीकर इस्तेमाल करने से बचें, सेहरी और इफ्तार में कोरोना के खात्मे की दुआ करें.