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उत्तर प्रदेश पंचायत चुनावः आरक्षण नीति जारी, रोटेशन सिस्टम लागू,


इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाले उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने यूपी पंचायती राज (आरक्षण और सीटें और कार्यालयों का आवंटन) (ग्यारहवां संशोधन) नियम, 2021 को मंजूरी दे दी।

यूपी में 826 विकास खंड, 7,31,813 वार्डों के साथ 58,194 ग्राम सभाएं, क्षेत्र पंचायतों में 75,855 वार्ड और 75 जिला पंचायतों में 30,051 वार्ड हैं। कैबिनेट ने पूर्ववर्ती अखिलेश यादव के नेतृत्व वाले सरकार के 2015 के आरक्षण को रद्द कर दिया गया। पिछली ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 25 दिसंबर, 2020 को समाप्त हो गया था।

त्रिस्‍तरीय पंचायत के लिए नयी आरक्षण नीति जारी

उत्तर प्रदेश सरकार ने त्रिस्‍तरीय पंचायत के लिए नयी आरक्षण नीति जारी कर दी। नई नीति के तहत पंचायत चुनाव में रोटेशन आरक्षण लागू किया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। पंचायती राज विभाग के अपर मुख्‍य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि सरकार ने नई नीति के तहत पंचायत चुनाव में रोटेशन आरक्षण व्यवस्था को लागू किया है और आरक्षण नीति में 1995 से 2015 में हुए आरक्षण को संज्ञान में रखा गया है।

सहकारी बैंक के बकाएदारों को पंचायत चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं

उत्तर प्रदेश सरकार ने सहकारी बैंक के बकाएदारों को पंचायत चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं देने का फैसला किया है। यदि कोई व्यक्ति चुनाव लड़ना चाहता है, तो उसे पहले सहकारी समिति और जिला सहकारी बैंक से लिया गया ऋण चुकाना होगा और उसके बाद कोई बकाया प्रमाणपत्र नहीं देना होगा। सहकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा इस संबंध में निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं

उन्‍होंने बताया कि अनुसूचित जाति, अन्‍य पिछड़ा वर्ग और महिला क्रम में पिछले चुनावों को देखते हुए आरक्षण लागू किया जाएगा और जो पद पहले कभी आरक्षित नहीं हुए, उनको व‍रीयता दी जाएगी। चुनाव में शैक्षणिक योग्‍यता आड़े नहीं आयेगी। सिंह ने बताया कि 826 विकास खण्‍डों में जिलेवार किस श्रेणी में आरक्षण होगा, यह राज्य स्तर पर जारी किया जाएगा।

जिला पंचायतों की आरक्षण प्रक्रिया भी राज्य स्तर पर जारी होगी

साथ ही जिला पंचायतों की आरक्षण प्रक्रिया भी राज्य स्तर पर जारी होगी। आगामी दो से तीन मार्च के बीच प्रधानों, ग्राम पंचायत, क्षेत्र तथा जिला पंचायत के आरक्षित प्रादेशिक आरक्षण निर्वाचन क्षेत्र के आवंटन की प्रस्‍तावित सूची का जिलाधिकारी द्वारा प्रकाशन किया जाएगा। इसके बाद चार मार्च से लेकर आठ मार्च तक लिखित आपत्ति दर्ज कराई जा सकती है।

फिर 10 से 12 मार्च के बीच आई हुई आपत्तियों का निस्‍तारण करते हुए अंतिम सूची तैयार की जाएगी। अपर मुख्‍य सचिव ने बताया कि जिला पंचायत अध्यक्ष एवं वार्ड सदस्‍यों, क्षेत्र पंचायत सदस्यों, ग्राम प्रधानों एवं उनके सदस्यों की सीटों का निर्धारण किया जा चुका है। पंचायत चुनाव में 2015 में जो आरक्षण की स्थिति थी, वह इस चुनाव में नहीं होगी।

जो पद अनुसूचित जाति या फिर अनुसूचित जातियों की महिलाओं के लिए हैं, वे इस बार अनारक्षित तथा अन्‍य पिछड़ा वर्ग के हो सकते हैं। उन्‍होंने बताया कि अब तक अनारक्षित रहा जिला पंचायत अध्‍यक्ष का कोई पद अब आरक्षित हो सकता है। इसी तरह कोई ऐसा पद जो अन्‍य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित नहीं हुआ है, वह इस वर्ग के लिए आरक्षित होगा। सिंह ने बताया कि प्रदेश के 826 विकास खण्‍डों और 58194 ग्राम पंचायतों का गठन किया जा चुका है।