स्वास्थ्य, शिक्षा, शिक्षण, प्रशिक्षण, अनुसंधान आउटरीच कार्यक्रमों , चिकित्सा सेवाओं के क्षेत्रों में मिलकर करें काम
फुलवारीशरीफ। गुरुवार को पटना एम्स और आईआईआईटी भागलपुर के साथ एमओयू करार पर हस्ताक्षर हुआ है। इस करार के बाद अब एम्स पटना और भागलपुर आईआईटी एकसाथ मिलकर स्वास्थ्य शिक्षा, शिक्षण, प्रशिक्षण, अनुसंधान आउटरीच कार्यक्रमों, चिकित्सा सेवाओं के क्षेत्रों और अन्य गतिविधियों में आपसी सहयोग से मेडिकल शोध कार्य को नये आयामों तक पहुंचायेंगे।
गुरुवार को सुबह 10:30 बजे एम्स पटना में आयोजित कार्यक्रम में आईआईआईटी भागलपुर और एम्स पटना के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये गये हैं। इस करार के दौरान प्रो. प्रभात कुमार सिंह, निदेशक, एम्स पटना, प्रो. अरविंद चौबे, निदेशक, आईआईआईटी भागलपुर, डॉ.सी.एम. सिंह, चिकित्सा अधीक्षक, एम्स पटना, डॉ मुक्ता अग्रवाल, अपर प्राध्यापक, प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग, एम्स पटना, डॉ. आलोक रंजन, सहायक प्राध्यापक, विभाग सीऔरएफएम, एम्स पटना, डॉ. संजीव कुमार, अपर प्राध्यापक, कार्डियोथोरेसिक सर्जरी विभाग, एम्स पटना, डॉ. संजय पाण्डेय, अपर प्राध्यापक, सी एंड एफएम विभाग, एम्स पटना मौजूद रहे।
आईआईआईटी भागलपुर का एआई इनोवेशन हब भी स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एम्स पटना के अनुरूप काम करेगा। यह हब एम्स पटना के साथ संयुक्त रूप से विभिन्न एआई/एमएल आधारित स्वास्थ्य देखभाल और पाठ्यक्रमों की पेशकश करेगा। कोविड -19 की महामारी के दौरान आईआईआईटी भागलपुर ने एक सॉफ्टवेयर विकसित किया है। जिसका उपयोग कोविड-19 का पता लगाने के लिए किया जा सकता है।
सॉफ्टवेयर एक्स-रे/सीटी स्कैन डिजिटल छवियों पर आधारित है, जो कोविड-19 का पता लगाने में सक्षम है। सॉफ्टवेयर को आईसीएमआर, दिल्ली के निर्देश के अनुसार एम्स पटना द्वारा मान्य भी किया जा रहा है। यह विकसित मॉडल एक से दो सेकेंड के भीतर कोविड-19, सामान्य, निमोनिया के रोगियों का सही ढंग से पता लगाने में प्रामाणिक साबित हो रहा है।
एम्स पटना और आईआईआईटी भागलपुर के मनोनीत नोडल अधिकारी डॉ. प्रेम कुमार, प्राध्यापक और विभागाध्यक्ष, रेडियो निदान विभाग, एम्स पटना, डॉ संदीप राज, सहायक प्राध्यापक, इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग विभाग, आईआईआईटी भागलपुर को बनाया गया है।
डॉ प्रेम ने बताया कि इस समझौता का प्राथमिक उद्देश्य दो राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों के संकाय सदस्यों, वैज्ञानिकों और छात्रों के बीच संयुक्त शैक्षणिक और अनुसंधान कार्यक्रमों, मास्टर्स और डॉक्टरेट छात्रों के संयुक्त पर्यवेक्षण के साथ-साथ सहयोगी अनुसंधान परियोजनाओं के लिए बातचीत और सहयोग को बढ़ावा देना है।
इसके अलावा विशेष रूप से संकाय/मेडिकल प्रोफेशनल्स/वैज्ञानिकों/शोधकर्ताओं/छात्रों का आदान-प्रदान, प्रयोगशाला सुविधाओं का उपयोग, चिकित्सा और प्रायोगिक तथ्य को साझा करना, वैज्ञानिक अनुसंधान और शिक्षा में शामिल द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देना, व्याख्यान, सेमिनार और वैज्ञानिक बैठकें आयोजित करने का काम को आगे बढ़ाया जायेगा।
इसके अलावा दोनों संस्थानों द्वारा एक्स-रे छवियों और सीटी-स्कैन के माध्यम से रोगों का मालूम करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा साइंस, मशीन लर्निंग आदि का उपयोग करके स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में अनुसंधान को आगे बढ़ाया जायेगा।