(आज शिक्षा प्रतिनिधि)
पटना। राज्य के 70,333 प्राइमरी-मिडिल स्कूलों में 1ली से 8वीं कक्षा के तकरीबन 1 करोड़ 19 लाख बच्चों को 21 फरवरी से फिर से गरमागरम भोजन परोसे जायेंगे। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने मंगलवार को बताया कि प्राइमरी-मिडिल स्कूलों में 1ली से 8वीं कक्षा के बच्चों को 21 फरवरी से फिर से गरमागरम भोजन परोसे जाने हैं। इसकी तैयारी शुरू हो गयी है।
मेनू के मुताबिक सोमवार को चावल, मिश्रित दाल और हरी सब्जी, मंगलवार को जीरा चावल और सोयाबीन व आलू की सब्जी, बुधवार को हरी सब्जीयुक्त खिचड़ी, चोखा व मौसमी फल, वृहस्पतिवार को चावल, मिश्रित दाल और हरी सब्जी, शुक्रवार को पुलाव, काबुली या लाल चना का छोला, हरा सलाद, अंडा-मौसमी फल तथा हरी सब्जीयुक्त खिचड़ी, चोखा व मौसमी फल परोसे जाने हैं।
इसके लिए साफ-सफाई एवं सुरक्षा मानकों को लेकर दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। पीएम पोषण योजना के तहत बच्चों को भोजन परोसे जायेंगे। मध्याह्न भोजन योजना का नाम बदल कर ही पीएम पोषण योजना किया गया है। स्कूलों में पुन: भौतिक रूप से पीएम पोषण योजना का संचालन किये जाने से पूर्व यह अतिआवश्यक है कि सुरक्षा, स्वच्छता व गुणवत्ता मानकों का सख्ती से पालन किया जायेगा। इसके तहत प्रखंड साधनसेवी राज्य खाद्य निगम से खाद्यान्न का उठाव करते समय खाद्यान्न की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उपरांत ही उठाव करेंगे।
खाद्य सामग्री का क्रय चयनित भेंडर से ही किया जाना है। भेंडर का भुगतान पीएफएमएस पोर्टल से किया जाना है। खाद्य सामग्री, तेल, मसाला, रिफाइंड, हल्दी, नमक का डिब्बाबंद एवं गुणवत्तापूर्ण होना अनिवार्य है। चावल का भंडारण स्कूल में उपलब्ध स्टोरेजबीन में किया जाना है। स्टोरेजबीन नहीं रहने की स्थिति में वर्षा व नमी से सुरक्षित स्थान पर चावल भंडारण के लकड़ी या सिमेंट के स्लेब पर किया जायेगा। पुराना, खराब, खुले तेल-मसाले का उपयोग वर्जित होगा।
भोजन पकाने के पूर्व रसोइया सफाई, पौष्टिकता एवं स्वच्छता सुनिश्चित करेंगे। अपना हाथ-पैर, मुंह साबुन से साफ कर सूखे कपड़े से पोछेंगे। साफ एॅप्रन एवं सूती वस्त्र का ही उपयोग करेंगे। नाखून कटे होंगे। महिला रसोइयों के बाल बंधे होंगे। भोजन पकाते समय रसोइये मास्क में होंगे। खाना बनाते समय नेल पॉलिस, घड़ी, डिजाइनर चूड़ी, अंगूठी का प्रयोग वर्जित होगा। किचेन के अंदर थूकना एवं छींकना वर्जित होगा। भोजन परोसे जाने के पहले शिक्षक की निगरानी में चालीस सेकेंड तक बच्चों की हाथ धुलाई होगी। यह प्रक्रिया खाने के उपरांत भी अपनायी जायेगी। प्राथमिक उपचार को लेकर भी दिशा-निर्देश दिये गये हैं।