पटना

कलश स्थापन के साथ शुरू हुआ नवरात्र 


(आज समाचार सेवा)

पटना। पवित्र शक्तिकलश की स्थापना एवं आद्याशक्ति नवदुर्गा के प्रथम रूप देवी शैलपुत्री की पूजा-अर्चना, वंदना-अभ्यर्थना एवं साधना-उपासना के साथ ही साधोपासना का महापर्व शारदीय नवरात्र शुरू हो गया। या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता … नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:, के मंत्रोच्चार की गूंजने लगे हैं। घंटे एवं शंखध्वनि श्रद्धा और विश्वास का भाव पैदा कर रहे हैं। धूप-दीप एवं अगरबत्तियों की खुशबू से वातावरण मह-मह है। लग रहा है, जैसे कोरोनाकाल पर आस्था का रंग चढ़ गया हो।

पितृपक्ष की अंतिम रात ने जैसे ही अपनी काली चादर समेटी, पूर्व दिशा में क्षितिज पर लालिमा बिखेर प्रत्यक्षदेव सूर्य ने गुरुवार के आगमन एहसास कराया, वैसे ही देवी मंदिरों एवं पूजा स्थलों से वेद एवं ‘श्रीदुर्गाशप्तसती’ के संस्कृत मंत्रोच्चार से आस्था के स्वर फूट पड़े। देवी मंदिरों में घंटे बज उठे। पूजा स्थलों से शंखध्वनि गूंजने लगे। धूप-दीप एवं अगरबत्तियों से मह-मह वातावरण में देवी मंदिरों, सार्वजनिक पूजा स्थलों एवं घरों में पवित्र शक्तिकलश की स्थापना हुई। पहले पवित्र शक्तिकलश के नीचे मिट्टी में जौ के पवित्र दाने छींटे गये। फिर, विधानपूर्वक उस पर पवित्र शक्तिकलश रखा गया।

पवित्र शक्तिकलश की स्थापना के बाद आद्याशक्ति नवदुर्गा के प्रथम रूप देवी शैलपुत्री की पूजा हुई। परंपरा से चली आ रही मान्यता के मुताबिक देवी इस पर डोला पर आयीं हैं। पवित्र शक्तिकलश की स्थापना के साथ ही उपासकों की उपासना भी शुरू हो गयी है। उपासकों में शारदीय नवरात्र की पूर्णाहूति तक अन्न नहीं ग्रहण करने वाले उपासक हैं। ऐसे उपासक सिर्फ रात को फल लेते हैं।

बड़ी पटनदेवी, छोटी पटनदेवी, अगमकुआं शीतला माता मंदिर, पटना सिटी कालीस्थान, वाराह मंदिर, पिताम्बरा मंदिर, दरभंगा हाउस काली मंदिर, पटना जंक्शन महावीर मंदिर,  राजाबाजार हनुमान मंदिर, शेखपुरा दुर्गा आश्रम एवं खाजपुरा शिवमंदिर से आस्था के स्वर फूट पड़े हैं। हार्डिंग रोड में अणे मार्ग मोड़ पर अवस्थित दुर्गा मंदिर से फूटते आस्था के स्वर से आसपास के इलाके में गुंजायमान हैं। वहां आचार्य रामाकांत पाठक की अगुआई में देवी की उपासना में संस्कृत मंत्रोच्चार की गूंज है। हवाईअड्डा मोड़ पर, जहां से चितकोहरा ऊपरी पुल शुरू होता है, स्थित काली मंदिर, यारपुर  कालीबाड़ी, राजवंशीनगर पंचमुखी हनुमान मंदिर, पुनाईचक मोड़ दुर्गा मंदिर, हड़ताली मोड़ काली मंदिर, सर्पेंटाइन रोड पंचमंदिर, कंकड़बाग पंचमंदिर, गर्दनीबाग ठाकुरबाड़ी, आनंदनाथ शिवमंदिर एवं जलेश्वरनाथ शिवमंदिर सहित सभी देव-देवी मंदिरों से वंदना-अभ्यर्थना के स्वर गूंज रहे हैं।

समय के कोरोनाकाल से गुजरने के बावजूद बेली रोड पर पारंपरिक पूजा स्थलों पर ‘या देवी सर्वभूतेषु …’ की गूंज है। ऐसी ही गूंज पटना-खगौल रोड पर फुलवारी शरीफ से लेकर मीठापुर तक और उधर मीठापुर से सिपारा तक के कई पूजा स्थलों पर है। इधर, गांधी मैदान से लेकर पटना सिटी तक अशोक राजपथ में भी पारंपरिक पूजा स्थलों से देवी की उापसना के स्वर गूंज रहे हैं। कंकड़बाग रोड पर चिरैयाटांड़ देवी मंदिर से अगमकुआं तक भी कई स्थानों पर कलश स्थापना के साथ शंख एवं घंटे की ध्वनि की गूंज है।

एक्जीबिशन रोड, फ्रेजर रोड, बुद्ध मार्ग, भट्टाचार्या रोड, यारपुर, करबिगहिया, चांदमारी रोड, चिरैयाटांड़, मीठापुर, यारपुर, गर्दनीबाग, चितकोहरा, अनीसाबाद, पुलिस कॉलनी, जगदेव पथ, खाजपुरा, आशियाना नगर, राजाबाजार, शेखपुरा, शास्त्रीनगर, राजवंशी नगर, पुनाईचक,  मंदिरी, बोरिंग रोड, बोरिंग केनाल रोड, सर्पेंटाइन रोड, खजांची रोड, दलदली रोड, मछुआ टोली, दरियापुर, कमदकुआं, सैदपुर, कंकड़बाग कॉलनी,श्रीकृष्णापुरी, पाटलिपुत्रा कॉलनी, बारी पथ, आर्यकुमार रोड, नाला रोड, ठाकुरबाड़ी रोड, भिखना पहाड़ी, सब्जीबाग, भंवर पोखर, लोहानीपुर,  राजेंद्र नगर एवं लालजी टोला भी ‘या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता …’ से गुंजायमान है।