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- निदेशक ने डीएम को लिखा पत्र
- परिसर में हो रहा पांच करोड़ की लागत से भव्य मंदिर का निर्माण
- पालकालीन मूर्तियों के संरक्षण में आ रही बाधा
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जहानाबाद। मखदुमपुर प्रखंड के ऐतिहासिक व पुरातात्वि महत्व के गांव मीराबीघा के पुरातात्विक स्थल के संरक्षण के लिए विभाग ने नई पहल की है। पुरातत्व विभाग के डायरेक्टर ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर मीराबीघा पुरातात्विक परिसर की जमीन पर आसपास के लोगों के द्वारा किए गए अतिक्रमण को मुक्त कराने के लिए प्रभावी उपाय करने का अनुरोध किया है।
इस संबंध में उन्होने डीएम को भेजे एक पत्र में उल्लेख किया है कि राज्य सरकार द्वारा सुरक्षित किए गए मीराबीघा के पुरातात्विक परिसर को निर्देश के बाद भी अब तक अतिक्रमणमुक्त नहीं कराया जा सका है। साथ ही इस दिशा में जिला प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों का अद्यतन प्रतिवेदन भी उपलब्ध नहीं हो सका है।
उन्होने पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि वहां अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष कमला देवी ने भी एक आवेदन दिया है लेकिन संबंधित अंचल अधिकारी ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की है। इस संबंध में बिहार कला व संस्कृति संस्थान के अध्यक्ष ने अतिक्रमण हटाने के लिए डीएम से एसडीओ के स्तर से जरूरी कार्रवाई का अनुरोध किया है। इधर निदेशक ने डीएम से वहां के अतिक्रमण को मुक्त कराने का अनुरोध करते हुए कार्रवाई से अवगत कराने को कहा है।
पांच करोड़ की लागत से बन रहा परिसर में भव्य मंदिर
बिहार कला संस्कृति संस्थान के अध्यक्ष के प्रयासों से मीराबीघा के पुरातत्विक महत्व के परिसर में पांच करोड़ की लागत से एक भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है। यह भी गौरतलब हो कि उक्त परिसर में पालकालीन विभिन्न देवी देवताओं की मूर्तियां मिली हैं जिन्हें परिसर में ही संरक्षित कर रखा गया है। राज्य सरकार ने परिसर को सुरक्षित क्षेत्र पहले ही घोषित कर रखा है लेकिन स्थानीय लोगों ने परिसर के एक बड़े भाग पर अवैध तरीके से कब्जा जमा रखा है।
बिहार कला संस्कृति संस्थान के अध्यक्ष डा॰ यादव उक्त धार्मिक, ऐतिहासिक व पुरातात्विक महत्व के स्थल के संरक्षण व विकास के लिए पिछले तीस साल से संघर्ष कर रहे हैं लेकिन अब तक वहां अतिक्रमित जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त नहीं कराया जा सका है। इससे उक्त महत्वपूर्ण परिसर के विकास में बाधा भी उत्पन्न हो रही है।