जाले (दरभंगा)(आससे)। डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा समस्तीपुर के निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. एमएस कुंडू ने गुरुवार को कृषि विज्ञान केंद्र जाले द्वारा विभिन्न कार्यक्रम अंतर्गत प्रत्यक्षणों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के क्रम में उन्होंने प्रक्षेत्र दिवस के माध्यम से आसपास के किसानों के मध्य नवीन तकनीकों के प्रयोग के असर को दिखाने एवं उनके तकनीकी पहलुओं को बताने का निर्देश दिया।
ज्ञात हो कि भारत सरकार एवं राज्य सरकार के विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत केवीके द्वारा 15 गांव में कृषक प्रक्षेत्र में विभिन्न फसलों का प्रत्यक्षण लगाया गया है। विश्वविद्यालय के निदेशक प्रसार शिक्षा ने सीएफएलडी योजना अंतर्गत गोढीला एवं गोदाई पट्टी गांव के मसूर एवं सरसों के प्रत्यक्षण कार्यक्रमों का जायजा लिया एवं प्रक्षेत्र पर जाकर विभिन्न फसलों की प्रगति एवं केंद्र के द्वारा उपलब्ध कराए गए तकनीकों के बारे में किसानों का राय जाना।
वही जलवायु अनुकूल खेती अंतर्गत ब्रह्मपुर गांव में लगाए गए गेहूं में शून्य जुताई यंत्र के प्रभाव का निरीक्षण किया ।मौके पर डीडीएम नाबार्ड श्रीमती आकांक्षा ने निदेशक को बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र के सहयोग से विभिन्न एफपीओ के किसको के मध्य चना मशहूर एवं सरसों के सीएफएलडी योजना अंतर्गत लगभग एक सौ एकड़ में प्रत्यक्षण लगाया गया है एवम इसके लिए किसानों को केंद्र के द्वारा प्रशिक्षित भी किया गया। उन्होंने बताया कि अब तक के फसल की प्रगति से कृषक काफी संतुष्ट हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भविष्य में भी दोनों संगठन मिलकर जिला के किसानों के विकास के दिशा में कार्य करते रहेंगे।
कार्यक्रम में जिला कृषि विभाग से गोदाई पट्टी के कृषि समन्वयक शिवराज कुमार, एफपीओ के प्रतिनिधि रावे के छात्र एवं विभिन्न गांव के किसान भी सम्मिलित थे। इस अवसर पर निदेशक ने कृषि विज्ञान केंद्र पर चल रहे 15 दिवसीय उर्वरक अनुज्ञप्ति प्रशिक्षण के प्रशिक्षणार्थियों से भी चर्चा की एवं केंद्र पर लगाए गए विभिन्न फसलों एवं प्रत्यक्ष इकाइयों का मुआयना किया एवम प्रशिक्षण से सन्तुष्ट हुए।