Post Views: 535 झुलसा देने वाली भीषण गर्मीके कहर से न केवल लोग बल्कि पशु और पक्षी भी बेदम हो रहे हैं। पशु-पक्षी पानीकी तलाशमें इधर-उधर भटकते रहते हैं। गर्मी ने पशु-पक्षियों को चपेटमें लेना शुरू कर दिया है। तेजीसे कम होते प्राकृतिक जल स्रोत और पेड़ोंकी कमी से इन बेजुबानोंकी स्थिति विकट हो गयी […]
Post Views: 625 आशीष वशिष्ठ संसद लोकतंत्रका वह मंदिर जिसकी तरफ पूरे देश और देशवासियोंको उम्मीदें, आशाएं और विश्वास होता है। पूरे देशकी दृष्टिï इसपर लगी रहती है। यही बैठकर हमारे द्वारा निर्वाचित प्रतिनिधि हमारे लिए कल्याणकारी नीतियां, कानून और भलाईके कार्य करते हैं। लेकिन कोरोना महामारीके समय मानसून सत्रमें जो दृश्य दिखाई दे रहे […]
Post Views: 372 डा. गौरीशंकर राजहंस जब कोरोनाकी दूसरी लहरका प्रकोप अपने पूरे चरमपर था तब देशके कुछ अर्थशास्त्रियोंने ठीक ही कहा था कि जब कोरोनाकी दूसरी लहर समाप्त होगी तब भारतकी अर्थव्यवस्था छिन्न-भिन्न दिखेगी। पहलेकी तरह वह अपने पैरोंपर आसानीसे नहीं खड़ी हो सकेगी। इसका प्रमुख कारण यही होगा कि देशमें बेरोजगारीकी दर बहुत […]