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दल जीते देश हारा
Posted on Author ARUN MALVIYA
Post Views: 387 ऋतुपर्ण दवे देशभरमें हर कहीं धधकती चिताओंके धुंए और कब्रिस्तानमें रात-दिन खुद रहे गड्ढïोंमें इनसानोंके अंतिम संस्कारकी तैयारीके बीच स्वतंत्र भारतके इतिहासमें शायद पहला मौका होगा जब चुनाव जीतने या हारनेके जश्नकी असल खुशी कहीं दिखती नहीं है। खुश होनेवाला आम हिन्दुस्तानी किसी अपनेके लिए फिक्रमन्द है या फिर एक-एक सांसके लिए […]
भावनात्मक परिष्कार
Posted on Author ARUN MALVIYA
Post Views: 615 श्रीराम शर्मा प्राचीनकालसे तुलना की जाय और मनुष्यके सुख-संतोषको भी दृष्टिगत रखा जाय तो पिछले जमानेकी असुविधाभरी परिस्थितियोंमें रहनेवाले व्यक्ति अधिक सुखी और संतुष्ट जान पड़ेंगे। इन पंक्तियोंमें भौतिक प्रगति तथा साधन-सुविधाओंकी अभिवृद्धिको व्यर्थ नहीं बताया जा रहा है, न उनकी निंदा की जा रही है। कहनेका आशय इतना भर है कि […]
महाशक्तियोंकी खुलती पोल
Posted on Author ARUN MALVIYA
Post Views: 1,651 मानी जाती हैं। इन्हें अपनी ताकतपर घमंड है। थोड़ा बहुत नहीं, बहुत ज्यादा घमंड है। इसी घमंडमें की गयी गलतियां इनकी शक्तिकी पोल खोलनेमें लगी हैं। पिछले लगभग एक डेढ़ सालमें स्पष्ट हो गया कि ये कितना भी दंभ भरें इनमें छोटेसे छोटे देशसे लड़नेतककी ताकत नहीं है। एक साल पहले […]