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आन्तरिक संरचना
Posted on Author ARUN MALVIYA
Post Views: 652 ओशो अपनी आंखें बंद कर लो और अपनी रीढ़को आंखोंके सामने लाओ। रीढ़को एकदम सीधा, उन्नत रखो। इसे देखो, इसका निरीक्षण करो और इसके बीचोंबीच एक तंतुको देखो, कमलके तंतु जैसा नाजुक, तुम्हारी रीढ़के खंभेमेंसे गुजर रहा है। रीढ़में बीचोंबीच एक रुपहला धागा है, एक अत्यंत नाजुक मज्जा तंतु। यह शारीरिक तंतु […]
कृषि उपजकी बर्बादी
Posted on Author ARUN MALVIYA
Post Views: 680 कृषिप्रधान देश भारतमें प्रति वर्ष डेढ़ लाख करोड़ रुपये मूल्यके कृषि उपजका नष्टï होना न केवल गम्भीर चिन्ताका विषय है, बल्कि यह भण्डारण प्रबन्धनकी विफलताका भी प्रमाण है। अनाजोंके नष्टï होनेका सिलसिला लम्बे समयसे जारी है। यह क्रम कबतक चलेगा, यह भी अनिश्चित है। यह भारतीय कृषि अर्थव्यवस्थाके लिए अशुभ संकेत है, […]
सैन्य विलक्षणताओंसे भरा वर्ष
Posted on Author ARUN MALVIYA
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