बेगूसराय (आससे)। शिक्षक शिक्षा देने की बजाय खुलेआम सोशल मीडिया पर गाली गलौज करने लगे तो समाज की धारणाएं भी बदल जाती है। जहां एक ओर सभी दुर्गा पूजा के त्योहार मनाने में व्यस्त हैं तो वही पंचायत शिक्षक प्राथमिक विद्यालय सामुदायिक भवन बरियाही भगतपुर के नियोजित शिक्षक राजीव कुमार रंजन उर्फ राजा ने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को एजुकेशन डिपार्टमेंट ग्रुप बलिया में अभद्र शब्दों का खुलेआम इस्तेमाल करता रहा। अभद्र शब्दों के उपयोग से प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी माघवेंद्र कुमार सिंह काफी मर्माहत दिख रहे हैं। होना भी लाजमी है।
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी साहब को ग्रुप में जो गाली गलौज कर दिया है। जिस प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी का प्रखंड में शिक्षकों के द्वारा मान सम्मान दिया जाता है आज उन्हीं में से एक शिक्षक अभद्र शब्द का इस्तेमाल करते हैं। इसी को लेकर बलिया के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी माघवेंद्र कुमार सिंह ने 13 अक्टूबर 2021 को पत्रांक 587 का पत्र जारी करते हुए पंचायत शिक्षक राजीव कुमार रंजन से स्पष्टीकरण की मांग की है उन्होंने पत्र में लिखा है कि 12 अक्टूबर अपराह्न 9:14 से 9:21 तक अभद्र शब्दों का उपयोग होता रहा है। जिससे अन्य सदस्यों के साथ-साथ अधोहस्ताक्षरी के मान सम्मान पर काफी ठेस पहुंची है।
इस कुकृत्य से मानसिक प्रताड़ना भी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी महसूस कर रहे हैं। शिक्षक के द्वारा अमर्यादित एवं अव्यवहारिक चरित्र को दर्शाता है। जो एक जिम्मेदार शिक्षक के लिए अशोभनीय बात है। इस संबंध में पत्र प्राप्ति के 24 घंटे के अंदर अपना स्पष्टीकरण देना सुनिश्चित करें। साथ ही पत्र में लिखा गया है कि क्यों नहीं आपके ऊपर अभद्र शब्द का उपयोग करने के आरोप में सोशल मीडिया नियमाकुल सुसंगत धारा लगाते हुए कार्रवाई की जाए। अगर ससमय जवाब नहीं मिलता है तो एक तरफा कार्रवाई की जाएगी।
अब सवाल यह उठता है कि कोई भी शिक्षक किसी भी ग्रुप में या अन्य लोग भी किसी सोशल मीडिया ग्रुप में अभद्र शब्द का इस्तेमाल करते हैं तो कार्रवाई होनी तय है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिरकार हमारा जो संकल्प है शिक्षा के माध्यम से समाज को विकसित करना। क्या अभद्र शब्द से समाज का विकास हो सकता है? यह प्रश्न उठना लाजमी है कि आज के शिक्षक अगर अभद्र शब्द का इस्तेमाल करते हैं तो वह शिक्षा के मंदिर में क्या ज्ञान बांटते होंगे। इसी से आकलन लगाया जा सकता है।
इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि जब तक किसी शिक्षक के साथ कोई आपबीती घटना नहीं घटी हो तो इस तरह की आक्रोश किसी सोशल मीडिया ग्रुप में नहीं निकल सकती है या वैसे शिक्षक ही अभद्र शब्द का इस्तेमाल कर सकते हैं जो नशे के आदि हो। अन्यथा शिक्षक कभी अभद्र शब्द का इस्तेमाल किसी पदाधिकारी या किसी समाज के अन्य व्यक्ति के साथ नहीं कर सकते हैं। क्योंकि शिक्षक से ही शिक्षा का जन्म होता है हालांकि यह एक जांच का विषय है। लेकिन शिक्षक द्वारा अभद्र शब्द का इस्तेमाल किया जाना खेद जनक है इस तरह की चर्चाएं शिक्षक समाज में हो रहीं हैं।