पटना

मलेरिया उन्मूलन में बेहतर प्रदर्शन के लिए बिहार हुआ सम्मानित


      • 2015 से 21 के दौरान बिहार को हासिल हुई उपलब्धि
      • छह जिलों में नहीं मिले एक भी पीडि़त

(आज समाचार सेवा)

पटना। मलेरिया उन्मूलन में बेहतर प्रदर्शन के लिए बिहार सम्मानित हुआ है। बिहार को केन्द्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ने डा. मनसुख मंडविया ने सम्मानित किया है। वर्ष २०१५ से २१ के बीच मलेरिया की निर्धारित श्रेणी दो-से-एक में पहुंचाने के लिए बिहार को यह सम्मान दिया गया है। विश्व मलेरिया दिवस पर यह सम्मान दिया गया। इस सम्मान से बिहार मलेरिया उन्मूलन की मुहिम को प्रभावी रूप से क्रियान्वित करने में और भी उत्साहित होगा। वहीं, इस मुहिम से जुड़े स्वास्थ्य पदाधिकारी एवं जमीनी स्तर के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का मनोबल भी बढ़ेगा।

हेल्थ मिनिस्टर ने कहा कि अब बिहार मलेरिया की निर्धारित श्रेणी-दो से निकलकर एक में पहुंच गया है। किसी भी राज्य में मलेरिया के प्रभाव को दर्शाने के लिए इसे चार श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है, जिसमें श्रेणी तीन, दो, एक और जीरो बनायी गयी है। प्रति एक हजार की आबादी पर मलेरिया के एक से कम मामले मिलने पर इसे श्रेणी एक में शामिल किया जाता है। विभाग का सम्पूर्ण प्रयास अब बिहार को श्रेणी एक से निकालकर जीरो श्रेणी में पहुंचाने की है। बिहार से मलेरिया उन्मूलन होना है। इसको लेकर अतिप्रभावित जिलों में युद्ध स्तर पर काम हो रहे हैं।

उन्होंने कहा कि २०१५ की तुलना में वर्ष २०२१ में ८४ प्रतिशत मलेरिया के केस में कमी दर्ज हुई है।  इस वर्ष ३०, ४६३५ लोगों की मलेरिया जांच की गयी, जिसमें मात्र ६४७ लोग ही पीडि़त मिले। सूबे में एक भी मलेरिया से मौत नहीं हुई। भोजपुर, दरभंगा, किशनगंज, मधेपुरा, शेखपुरा और सीवान में एक भी मलेरिया पीडि़त नहीं मिला।