राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने पार्टी के आफिस में नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे ईडी के दफ्तर में बुलाया गया। बेहद छोटा कमरा था, मेज पर कंप्यूटर था और तीन अधिकारी थे। अधिकारी आते जाते रहते थे लेकिन पूछताछ के दौरान मैं कुर्सी से हिला नहीं। रात को साढ़े दस बजे अधिकारी मुझसे बोले, ग्यारह घंटे में हम थक गए लेकिन आप नहीं थके… राज क्या है? मैंने विपासना बताया था।
राहुल गांधी ने कहा कि ईडी के अधिकारियों ने एक और सवाल किया… उनका कहना था कि हमने इतने सारे सवाल पूछे आपने जवाब दिया। हर सवाल को अपने सुना और धैर्य के साथ जवाब दिया। यह धैर्य आपको कहां से मिलता है। मैंने कहा भैया यह तो मैं आपको नहीं बता सकता हूं। आप जानते हैं यह धैर्य कहां से आया। कह देना था कि कांग्रेस पार्टी में 2004 से काम कर रहा हूं। पेशेंस नहीं आएगा तो क्या आएगा।
राहुल गांधी ने आगे कहा कि इस बात को कांग्रेस का हर नेता समझता है। कांग्रेस किसी भी पार्टी नेता को थकने नहीं देती है। कांग्रेस हमें रोज पेशेंस सिखाती है। इसी से हममें ताकत आती है और इसी से हम लड़ते हैं। उधर पेशेंस की कोई जरूरत नहीं है। उधर तो बस हाथ जोड़ दो मत्था टेक दो बस काम हो जाएगा। सच यह है कि उस कमरे में राहुल गांधी अकेला नहीं था, उस कमरे में कांग्रेस का हर नेता और कार्यकर्ता बैठा था…