नई दिल्ली । संविधान सभा के मौके पर आज संसद भवन में विशेष कार्यक्रम ओयाजित किया गया। इसमें राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, लोकसभा स्पीकर समेत अन्य गणमान्य लोग उपस्थित हुए। कांग्रेस, आरजेडी, लेफ्ट, टीएमसी, आरजेडी, शिव सेना, एनसीपी, सपा, आईयूएमएल, और डीएमके सेमत करीब 14 राजनीतिक र्टियों ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार करने की घोषणा की है। इस बात की संभावना है कि कांग्रेस के साथ दूसरे विपक्षी दल भी इसमें शामिल नहीं हुए।
संविधान दिवस Live:
11:50 AM डिजिटल संस्करण जारी
राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने संविधान सभा की चर्चाओं का डिजिटल संस्करण जारी किया और संवैधानिक लोकतंत्र पर आधारित ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी का शुभारंभ किया। साथ ही उन्होंने संविधान की प्रस्तावना को पढ़ने में देश का नेतृत्व किया।
11:37AM उप-राष्ट्रपति का संबोधन
वैंकेया नायडू ने इस दिन को बेहद खास बताया। इस दिन एक विचार को संविधान के रूप में साकार किया गया था। अपने संबोधन में उन्होंने डाक्टर राजेंद्र प्रसाद का भी जिक्र किया।
11:35 AM स्पीकर को दिया धन्यवाद
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने लोकसभा स्पीकर को धन्यवाद दिया कि उन्होंने इस मौके पर इस दिवस का आयोजन किया। उन्होंने कहा कि ये किसी पीएम के संबोधन का दिवस नहीं है।
11:33 AM फार द फैमिली…
आजादी और देश के लोगों को उनका अधिकार मिले इसके लिए लड़ना जरूरी था। महात्मा गांधी ने इस दौरान छेड़ी अपनी लड़ाई में भारत के नागरिकों के मन में उस बीज को बोया जिसमें खादी पहनने की जरूरत, सफाई का महत्व बताया गया था। आजादी के बाद इसको बढ़ाना चाहिए था, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हुआ।
11:30 AM भ्रष्टाचार पर वार
पीएम मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार में सजा पाने के बावजूद केवल अपने राजनीतिक लाभ के लिए केवल अपने हितों को साधने के लिए उनसे नाता जोड़ा जाता है तो इसका गलत संदेश जाता है। इससे चिंता स्वाभाविक है।
11:25 AM पारिवारिक पार्टियों पर वार
पीएम मोदी ने इस दौरान पारिवारिक पार्टियों पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि ऐसी पार्टियां संविधान को भूल चुकी हैं। उन्होंंने कहा कि पीढ़ी दर पीढ़ी चलने वाली पार्टियां चिंता का विषय हैं। पीएम मोदी ने कहा कि वो इस बात के खिलाफ नहीं है कि एक ही परिवार से कोई दूसरा व्यक्ति राजनीतिक पार्टी में न आए। वो इससे दुखी हैं कि कुछ पार्टियां पीढ़ी दर पीढ़ी एक ही परिवार से चलती हैं। उन्होंने कहा कि फार द फैमिली, बाए द फैमिली…आगे कहने की जरूरत नहीं।
11:23 AM संविधान एक दस्तावेज
संविधान दिवस की शुरुआत यदि पहले की गई होती तो बेहतर होता। इससे देश के लोगों को इसके बारे में पता चलता। हमें इस दिवस को शुरू करने का मौका मिला। पीएम ने कहा कि वर्ष 2015 में जब इसकी शुरुआत की गई थी तब भी इसको लेकर विरोध की आवाज उठी थी। कहा गया था कि संविधान दिवस कहांं से ले आए। लेकिन आज इस तरह की आवाज नहीं सुनी जाएगी। 11:20AM आज मुश्किल होता संविधान का निर्माण
विभिन्न दिक्कतों के साथ देश को एक सूत्र में पिरोना बेहद मुश्किल था। आज शायद यदि इसको लिखा जाता तो एक पेज भी मुश्किल होता। देश के संविधान निर्माण करने वालों ने राष्ट्रहित में अपना सहयोग दिया।
11:15 AM पीएम मोदी का संबोधन
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में 26/11 का उल्लेख किया और कहा कि देश के दुश्मनों ने देश के अंदर घुसकर मुंबई में आतंकी घटना को अंजाम दिया। उन्होंने इस दौरान उन लोगों को नमन किया जिन्होंने इन आतंकियों को रोकने में अपनी जान गंवा दी।
11:10 AM लोकसभा स्पीकर का संबोधन
ओम बिरला ने अपने संबोधन में कहा कि इस संविधान के साथ भारत ने अपनी विकास यात्रा शुरू की थी। ये हमारे दायित्वों का बोध कराता है। इसको अक्षुण्ण बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि हमारे देश का संविधान आधुनिक गीता की तरह है।
11:06 AM संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने संसद भवन में किया राष्ट्रपति का स्वागत। इस मौके पर जोशी ने संविधान को एक पवित्र ग्रंथ बताया और कहा कि हम इसकी महत्ता को समझते हैं। उन्होंने बताया कि संसदीय कार्य मंत्रालय ने इस मौके पर दो पोर्टल तैयार किए हैं।
11:00 AM राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द पहुंच संसद भवन
विपक्ष के इस रवैये पर कंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल विपक्ष सदन और देश के संविधान का अपमान कर रहा है। उन्होंने यहां तक कहा कि कांग्रेस बीआर अंबेडकर समेत दूसरे लोगों का सम्मान नहीं करती है, वो केवल नेहरू परिवार से जुड़े लोगों का ही सम्मान करना जानती है।
आपको बता दें कि भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। आज के ही दिन 1949 में संविधान सभा ने मौजूदा संविधान को अपनाया था। हालांकि इसको 26 जनवरी 1950 में लागू किया गया था। देश के संविधान के तहत हर देशवासी को समान अधिकार प्राप्त हैं। हमारे संविधान में नागरिकों को मौलिक अधिकारों के जरिए एक ताकत दी गई है। हर वर्ष 26 नवंबर का दिन देश में संविधान दिवस और राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में भी जाना जाता है। वर्ष 2015 में इसकी शुरुआत हुई थी। गौरतलब है कि डाक्टर बीआर अम्बेडकर ने संविधान निर्माण के लिए बनाई गई सभा की मसौदा समिति के अध्यक्ष के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।