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अग्निवीरों की भर्ती प्रक्रिया तेज करने के बीच पीएम मोदी से मिले तीनों सेना प्रमुख,


नई दिल्ली। अग्निपथ योजना के खिलाफ देशभर में जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात कर अग्निवीरों की नियुक्ति प्रकिया में तेजी लाने के लिए उठाए गए कदमों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री की तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बैठक की चर्चाओं को लेकर आधिकारिक रूप से कोई जानकारी साझा नहीं की गई है। हालांकि, माना जा रहा कि इसमें तीनों सेनाओं ने अग्निवीरों की नियुक्ति के लिए अधिसूचना जारी करने से लेकर पहले बैच की ट्रेनिंग से जुड़े तमाम पहलूओं की अपनी रूपरेखा से पीएम को अवगत कराया। इस बीच तीनों सेनाओं ने एक बार फिर साफ किया है कि अग्निवीरों की नियुक्ति पारदर्शी तरीके से सेना के पुराने नियम-कायदों से ही होगी और नियमों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। इतना ही नहीं अग्निवीरों को भी युद्ध में पराक्रम दिखाने के लिए नियमित सैनिकों की तरह ही परमवीर चक्र समेत अन्य सैन्य सम्मानों से सम्मानित किया जाएगा।

भारतीय सेना ने अग्निपथ योजना के तहत भर्ती की अधिसूचना जारी करने के बाद यह भी साफ कर दिया है कि दिसंबर 2022 तक पहले ही बैच में 25000 अग्निवीरों की नियुक्ति कर दी जाएगी। सेना में सुधारों के लिहाज से क्रांतिकारी माने जा रहे अग्निपथ स्कीम की घोषणा और इसके खिलाफ हो रहे भारी विरोध प्रदर्शन के बाद तीनों सेनाओं के प्रमुखों की प्रधानमंत्री के साथ यह पहली बैठक थी।

पीएम आवास पर जाकर सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार और वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल वीआर चौधरी ने प्रधानमंत्री से अलग-अलग मुलाकात की। तीनों सेनाओं के प्रमुख पहले ही साफ कर चुके हैं कि अग्निपथ स्कीम को काफी सोच विचार के बाद लाया गया है और सैन्य बलों के आधुनिकीकरण के लिए इसे तेजी से लागू किया जाएगा।

सशस्त्र सेनाओं के इस नजरिए को तीनों सेनाओं की ओर से मंगलवार को किए गए संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में एक बार फिर दोहराया गया। डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी के साथ वायुसेना के एयर मार्शल एसके झा, नौसना के वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी और सेना की ओर से लेफ्टिनेंट जनरल पोनप्पा ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में तीनों सेनाओं की ओर से अग्निवीरों की भर्ती के लिए तय डेडलाइन को दोहराते हुए कहा कि नियुक्ति जल्द करने के लिए प्रक्रिया की तारीखें सुनिश्चित कर दी गई हैं। एयर मार्शल झा ने कहा कि अग्निवीरों की नियुक्ति से वायुसेना की लड़ाकू क्षमता पर कोई असर नहीं पड़ेगा और इस पर हम कोई समझौता भी नहीं करेंगे।

वायुसेना में भर्ती होने वाले वायु अग्निवीरों के पहले बैच की ट्रेनिंग इस साल 30 दिसंबर से शुरू हो जाएगी। इनकी भर्ती प्रक्रिया व नियमों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। लेफ्टिनेंट जनरल पोनप्पा ने कहा कि सेना 25000 अग्निवीरों के पहले बैच की भर्ती करने के बाद दिसंबर में इनकी ट्रेनिंग शुरू कर देगी और इनके लिए सैन्य भर्ती प्रक्रिया के नियमों में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। जबकि 15000 अग्निवीरों के दूसरे बैच की भर्ती प्रक्रिया फरवरी 2023 तक पूरी कर ली जाएगी। इस तरह सेना में पहले साल 40 हजार अग्निवीरों की भर्ती होगी और बाकी 6000 वायुसेना व नौसेना में नियुक्त होंगे।

उन्होंने कहा कि अग्निवीर स्कीम देश और सेना के हित में है क्योंकि सैनिकों की औसत उम्र हमें 32 साल से घटाकर 26 साल तक लानी है। इसके अलावा सेना में आगे अत्याधुनिक रडार, हथियार और मिसाइल आदि आने वाले हैं जिनके लिए तकनीकी रूप से दक्ष सैनिकों की जरूरत है और इसमें अग्निवीर अहम होंगे।

नौसेना के वाइस एडमिरल त्रिपाठी ने कहा कि जहाजरानी मंत्रालय और महानिदेशक शिपिंग के साथ हुए ताजा समझौते से अग्निवीरों के लिए भविष्य के कैरियर की राह खुल गई है। नौसेना से चार साल बाद निकलने पर अग्निवीरों को मर्चेंट नेवी की नौकरी मिलेगी। वहीं, अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने कहा कि अग्निपथ योजना काफी गहन मंथन के बाद लायी गई है ओर इसमें हमने कई अहम देशों के पैटर्न का भी अध्ययन किया है। इसके लिए कुल 150 बैठकें हुई जिसमें 500 घंटे की चर्चा की गई।