- आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (former PM Atal Bihari Vajpayee) की तीसरी पुण्यतिथि है. पूरा देश अटल बिहार को याद कर रहा है. आज यानी 16 अगस्त 2020 को देश के पूर्व पीएम भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की द्वितीय पुण्यतिथि है. 16 अगस्त 2018 को उनका देहांत हो गया था. अटल बिहारी के समाधि स्थल पर पीएम मोदी (PM Narendra modi), राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) ने श्रद्धांजलि दी. उपराष्ट्रपति वेकैंया नायडू, गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी समाधि स्थल पर पहुंचकर अटल बिहारी वाजयेपी को नमन किया.
अटल बिहार के समाधि स्थल पर श्रद्धांजलि देने का दौर जारी है. आज सुबह पीएम मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी समाधि स्थल पर पहुंचकर देश के पूर्व प्रधानमंत्री को याद किया. उन्हें श्रद्धांजलि दी.
सीएम योगी ने दी श्रद्धांजलि
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य समेत तमान नेताओं ने पूर्व पीएम की पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि दी है. सीएम योगी ने ट्वीट करके कहा कि प्रखर राष्ट्रवादी, लोकप्रिय जननेता, भारतीय राजनीति में अपने आचरण से लोकतांत्रिक मूल्यों की पुनर्स्थापना करने वाले राजर्षि, पूर्व प्रधानमंत्री, ‘भारत रत्न’ श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी को उनकी पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि। आपका त्यागमय जीवन हम सभी के लिए एक महान प्रेरणा है.
26 अगस्त 2018 को वाजपेयी जी हमें छोड़ चले गए थे
16 अगस्त 2018 को उनका देहांत हो गया था. उनकी गिनती देश की सियासत के उन चंद नेताओं में होती है जो कभी दलगत राजनीति के बंधन में नहीं बंधे. अटल बिहार वाजपेयी को हर इंसान बहुत प्यार करता था.अटल बिहारी वाजपेयी एक कुशल राजनेता के साथ-साथ कवि भी थे.
बड़े राजनेता में शुमार थे वाजपेयी
अटल बिहार वाजपेयी के बारे में जितना कहा जाए उतना कम है. राजनीति की बात करें तो उनके जैसा साफ दिल का कोई नेता नहीं था. साल 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) ने महज 13 दिन में ही प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि वह 1998 में दोबारा प्रधानमंत्री के पद के लिए चुने गए. फिर तीसरी बार 1999 से 2004 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे. तब उन्होंने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया. वाजपेयी 1991, 1996, 1998, 1999 2004 में लखनऊ से लोकसभा के लिए चुने गए थे.