वाराणसी

अधिकतम तापमान भी गिरा, भीषण गलन से त्रस्त जनजीवन


गलन और शीतलहर राहत देने का नाम नहीं ले रही है। आलम यह है कि तापमान के उतार-चढ़ाव से लोग तालमेल नहीं बना पा रहे हैं और कंपकंपाने को मजबूर हैं। शुक्रवार को भी पूरा दिन सर्द रहा और भीषण गलन से जनजीवन बुरी तरह तरह प्रभावित रहा। सुबह कोहरा और इसके बाद गलन ने लोगों को त्रस्त करके रख दिया। दूसरे प्रहर शुरू हुआ शीतलहर का सिलसिला रात तक चला और कहीं भी राहत नहीं थी। ठंड से बचने का आलम यह है कि लोग कंबल में दुबके हैं और हीटर लगातार चल रहा है। सड़कों पर सियापा और बाजारों में सभी जरूरत के सामान गैर राज्यों और जनपदों से देर में आ रहे हैं। गुनगुना पानी और ठंड से बचने के उपाय में ही दिन बीत गया। इस बीच दिन के अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई और यह 14 डिग्री सेल्शियस पर पहुंच गया जबकि न्यूनतम तापमान 8.6 डिग्री सेल्शिस दर्ज किया गया। मौसम के जानकारों की मानें तो अभी कुछ दिन यह मौसम बना रहेगा और ठंड में इजाफा हो सकता है।
भोर में घना कोहरा हो गया था। इसके कारण राहगीरों और जरूरत के सामान दूसरे स्थानों से यहां लाने वाले वाहन चालकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। दिन शुरू होने के बावजूद कोहरा धीमी गति से कम हुआ और गलन में इजाफा होने लगा। बाजार भी सियापे की जद में रहे और लोग घरों में दुबके हुए थे। गलन का सितम बना हुआ था और बैठे-बैठे लोग कंपकंपा रहे थे। आधा दिन बीत जाने के बाद सूर्यदेव ने दर्शन दिये तो लोगों को राहत की उम्मीद जगी। लेकिन धूप पर गलन और बादल हावी रहे। इस दौरान भगवान भास्कर और बादलों में लुकाछिपी चलती रही। शीतलहर शुरू हो जाने के कारण लोग फिर घरों में जाकर दुबक गये। धूप के बाद आनन-फानन लोगों ने अपने कार्य पूरे किये और आवश्यक कार्यों से निकले। धूप होने के बावजूद सर्द हवा और गलन का दौर बना हुआ था। दिनभर गलन बनी हुई थी और लोग कंपकंपा रहे थे। धूप से राहत की कोशिश के कारण ही सार्वजनिक स्थानों पर लोगों की भीड़ लगी हुई थी। घाटों और पार्कों में लोग जुटे रहे। शाम को सूर्यास्त होने के बाद गलन में इजाफा हुआ। लोगों ने बच्चों और वृद्घों के लिये विशेष सावधानी बरती और उन्हें शाल, मोजे और गर्म कपड़े से लाद दिया। दूसरी ओर, ग्रामीण इलाकों में सर्दी का जोर रहा। यहां खेतों में उतरे किसानों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा। ठंड से राहत के लिये लोग इंतजाम में लगे हुए थे। गलन और सर्द हवा से राहत के लिये लोगों ने घरों के बाहर अलाव जलाया और खेती-किसानी पर चर्चा करते दिखे। रात में कुहासा होने से वाहन चालकों की दिक्कत भी शुरू हो गई है और एहतियातन लोग रात की यात्रा करने से भी परहेज कर रहे हैं। रात्रि में खराब मौसम के कारण सड़कों पर जल्दी सन्नाटा हो गया। जरूरी कार्यों से ही लोग घरों के बाहर निकले।
अभी रहेगा कोल्ड वेव का असर
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी डाक्टर एसएन पांडेय ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के आने से मौसम का मिजाज बिगड़ा हुआ है। कोल्ड वेव से गलन में इजाफा हो गया है और आने वाले दिनों में इसका असर और भी देखने को मिलेगा। इसके कारण न्यूनतम तापमान में भी लगातार गिरावट आयेगी और ठंड में इजाफा होगा। इस दौरान कोहरा भी घना रहेगा और आने वाले तीन से चार दिन में कोल्ड वेव के कारण मौसम का मिजाज बिगडऩे की आशंका बनी हुई है।