पटना

अब वेब मीडिया विज्ञापन निर्गम प्रक्रिया में शामिल, नियमावली 2021 गठित करने तथा संस्थानों को सूचीबद्ध करने में जुटी राज्य सरकार


पटना। बिहार मंत्री परिषद द्वारा बिहार वेब मीडिया नियमावली 2021 की स्वीकृति प्रदान की गई है। बिहार कार्यपालिका नियमावली के अनुसार सूचना और जन संपर्क विभाग राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के वर्गीकृत विज्ञापनों, उपलब्धियों तथा अन्य सामग्रियों को विज्ञापन के रूप में प्रकाशित करने तथा केंद्रीकृत भुगतान संबंधी कार्यों के लिए नोडल विभाग है। यह कार्य सूचना एवं जन संपर्क विभाग बिहार तथा बिहार विज्ञापन नियमावली 2016 के प्रावधानों के अनुरूप निष्पादित किया जा रहा है। लेकिन तकनीक के विकास होने से प्रचार-प्रसार के नित नए माध्यम भी विकसित हो रहे हैं।

ऐसे में विकसित हो रहे नए माध्यमों पर विज्ञापन के रूप में राज्य सरकार की नीतियां, योजनाओं, कार्यक्रमों आदि का प्रचार-प्रसार करने के उद्देश्य से वेब मीडिया को सूचीबद्ध करने एवं इन पर विज्ञापन निर्गम की प्रक्रिया को शुरू करने लिए बिहार वेब मीडिया नियमावली 2021 गठित किए जाने की आवश्यकता पर सरकार ने जोर दिया है। तत्संबंधी प्रावधानों एवं उपबंधों को समाहित करते हुए सूचना एवं जन संपर्क विभाग बिहार सरकार के अंतर्गत बिहार वेब मीडिया नियमावली 2021 बनाया गया है। विभाग में सूचीबद्धता के लिए वेबसाइट का कम से कम 2 साल का अस्तित्व होना चाहिए।

ऐसी वेबसाइट जिनकी दर का निर्धारण भारत सरकार के डीएवीपी द्वारा किया गया हो, उसी दर पर विभाग की सूचीबद्धता के लिए उन्हें योग्य माना जाएगा। सूचना एवं जन संपर्क विभाग में विज्ञापन पात्रता के लिए वेबसाइट बिहार विज्ञापन नियमावली 2016 के अनुरूप निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार सूचीबद्ध किया जाएगा। विभाग में उन वेबसाइट को सूचीबद्ध किया जाएगा, जिनकी प्रति माह हिट्स की संख्या न्यूनतम 0।50 लाख यूनीक यूजर्स हिट्स होगी। यह गणना यूनीक यूजर प्रतिमाह के हिसाब से किया जाएगा। जिस नागरिक या संस्था के नाम पर डोमेन नेम निबंधित होगा, उस व्यक्ति या संस्था के प्रधान का आचरण प्रमाण पत्र सूचीबद्धता के लिए संलग्न करना अनिवार्य होगा।

सरकार की ओर से वेब माध्यमों को प्रति माह के हिसाब से पांच श्रेणियों में बांटा गया है। इसमें समूह ‘क’ के लिए 50 लाख से अधिक यूनीक यूजर प्रतिमाह, ‘ख’ के लिए  20 लाख से अधिक और 50 लाख तक यूनीक यूजर प्रति माह, समूह ‘ग’ के लिए 2.5 लाख से अधिक एवं 20 लाख तक यूनीक यूजर्स प्रति माह, ‘घ’ के लिए 1.5 लाख से अधिक 2.5 लाख तक यूनीक यूजर्स प्रतिमाह तथा ‘ड़’ के लिए 0.5 लाख से अधिक 1.5 लाख तक यूनीक यूजर्स प्रतिमाह होने चाहिए। यूनीक यूजर्स गणना के समय एक ही कंपनी की अलग-अलग वेबसाइटों की बंचिंग, जोड़ की अनुमति नहीं होगी।