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अयोध्या में योगी कैबिनेट का बड़ा फैसला, अब यूपी में जल परिवहन होगा सस्ता


अयोध्या। सस्ता जल परिवहन उपलब्ध कराने के साथ-साथ पर्यटन को बढ़ावा देने के दोहरे उद्देश्यों को साधने के लिए प्रदेश में अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण का गठन किया जाएगा। इस प्राधिकरण के गठन के माध्यम से जल परिवहन, जल पर्यटन, पोत परिवहन और नौसंचालन के क्षेत्र में विकास विनियमन और पर्यावरीण सुरक्षा को विकसित किया जाएगा।

गुरुवार को अयोध्या में हुई कैबिनेट की बैठक में इस अहम प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं इसकी जानकारी मीडिया से साझा की। कैबिनेट की स्वीकृत के बाद उत्तर प्रदेश अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण अधिनियम-2023 को विधान मंडल के दोनों सदनों में स्वीकृति के लिए पेश किया जाएगा।

अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण प्रदेश के उत्पादों को बेहतर एवं सस्ती दर पर देश के अन्य राज्यों तथा विदेशों में निर्यात के सुलभ अवसर उपलब्ध कराने में मददगार साबित होगा।

जलमार्ग प्राधिकरण के अध्यक्ष मुख्यमंत्री द्वारा नामित परिवहन मंत्री अथवा अंतरदेशीय जलमार्ग, शिपिंग, नेवीगेशन, पोर्ट्स से संबंधित मामलों में विशेषज्ञता रखने वाले व्यक्तियों में से किसी एक को यह जवाबदेही सौंपी जाएगी।

वहीं, उपाध्यक्ष पद पर भी अंतरदेशीय जलमार्ग, शिपिंग, नेवीगेशन, पोर्ट्स, मेरीटाइम अफेयर्स से संबंधित मामलों में विशेषज्ञता रखने वाले व्यक्ति की नियुक्ति की जाएगी। वित्त, लोक निर्माण, परिवहन, पर्यटन एवं संस्कृति, सिंचाई एवं जल संसाधन और वन एवं पर्यावरण विभाग के अपर मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव जलमार्ग प्राधिकरण के पदेन सदस्य होंगे।

भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आइडब्ल्यूएआइ) के भी एक सदस्य को प्राधिकरण में जगह दी जाएगी। वहीं, परिवहन आयुक्त इसके मुख्य कार्यकारी अधिकारी होंगे। प्राधिकरण के संचालन के लिए निधि का गठन, परिसंपत्तियों की देनदारियों का स्थानांतरण, शुल्क एवं प्रभारों की आवश्यकता की पूर्ति के लिए बजट का उपबंध किया जाएगा।

बता दें कि भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय जलमार्ग अधिनियम-2016 के तहत 111 राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किए गए हैं, जो विभिन्न राज्यों में अवस्थित हैं। असम व आंध्र प्रदेश में भी वर्ष 2018 और 2023 में अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण का गठन किया गया है।

वहीं, कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र एवं गुजरात में जलमार्ग प्राधिकरण के स्थान पर मैरीटाइम बोर्ड का गठन किया गया है। उत्तर प्रदेश में गंगा, यमुना व अन्य प्रमुख नदियों समेत कुल 11 राष्ट्रीय जलमार्ग स्थित हैं। प्रदेश में जलमार्ग प्राधिकरण के गठन की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी।