पटना

अरवल: ब्लैक फ़ंगस को लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग ने कसी कमर


अरवल। राज्य सरकार के द्वारा ब्लैक फ़ंगस को महामारी घोषित करने के बाद जिला स्वास्थ्य विभाग ने इससे निपटने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह चौकस है। इस बीमारी से ग्रसित रोगियों की पहचान व उनके इलाज के लिए चिकित्सकों को कई निर्देश दिए गए हैं।

इस संबंध में सिविल सर्जन अरविंद कुमार ने बताया की पिछले दिनों बैठक में इस बीमारी को लेकर तैयार रहने का निर्देश दिया गया है। बैठक में कहा गया है कि अगर ब्लैक फ़ंगस के कोई भी रोगी संदिग्ध हो या प्रमाणित है, तो ऐसे रोगी को आईजीआईएमएस या एम्स में रफ़ेर करें। उन्होंने बताया कि सदर अस्पताल में अलग से कोई वार्ड नहीं बनाया गया है, क्योंकि यहां ब्लैक फ़ंगस का इलाज सही ढंग से संभव नहीं है।

उन्होंने कहा कि अगर किसी भी मरीज को ब्लैक फ़ंगस का अनुभव होता है, तो वे बगैर देर किए अपने संबंधित क्षेत्र के अस्पताल जाकर संपर्क करें या सीधा सदर अस्पताल पहुंचे क्योंकि पहले इलाज होने पर रोग ठीक हो सकता है। वहीं विलंब करने पर जान भी जा सकती है। उन्होंने बताया कि ब्लैक फ़ंगस के लक्षणों में मुख्य रूप से नाक से खून बहना, नाक से काला कचरा निकलना, आंख, नाक या चेहरा में सूजन, आंख में काले धाब्बे हो जाना शामिल हैं।