पटना

अस्पताल परिसरों की सूरत और सीरत बदलेगा स्वास्थ्य विभाग : मंगल


 

      • सरकारी अस्पतालों से हटेंगे कबाड़, एमओयू हुआ साईन
      • स्वास्थ्य संस्थानों को सुंदर और व्यवस्थित बनाया जायेगा

(आज समाचार सेवा)

पटना। स्वास्थ्य विभाग अस्पताल परिसरों की सूरत और सीरत बदलेगा। यह भरोसा स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने दिया। उन्होंने कहा कि हेल्थ डिपार्टमेंट मरीजों को बेहतर चिकित्सा सेवा देने के साथ-साथ अस्पताल परिसरों की सूरत बदलने की दिशा में भी काम कर रहा है।

इस कड़ी में राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों की व्यवस्थित और सुंदर बनाने को लेकर वर्षों से अस्पतालों में यत्र-तत्र फैले कबाड़ को हटाने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। इसे अंजाम देने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एनएमएसटी लिमिटेड के साथ एक एमओयू साईन किया है। एनएमएसटी भारत सरकार का एक उद्यम है। नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से बेकार पड़ी सामग्रियों को निपटाया जायेगा। ई-नीलामी ऑनलाइन प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से होगी।

मंत्री ने कहा कि खराब पुराने एम्बुलेंस, टूटी-फूटी मेज-कुर्सी, बेड, खराब पुराने उपकरण और तरह-तरह के अन्य कबाड़ ने परिसर में न केवल अनावश्यक रूप से जगह घेर रखा है, बल्कि पीएमसीएच सहित अन्य अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज परिसर को भी गंदा कर रखा है। इससे वहां कार्य कर रहे कर्मियों और मरीजों को भी परेशानी होती है। अस्पताल परिसर में जमा पड़े कचरे ने अस्पतालों की सुंदरता खराब कर दी है।

इसी लिए स्वास्थ्य विभाग ने स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर और कबाड़ को हटाकर सभी अस्पतालों को सुंदर बनाने का फैसला किया है, इसकी प्रक्रिया भी शुरू कर दी गयी है। खाली किये गये स्थानों का उपयोग मूल्यवाण और उपयोगी उद्देश्यों के लिए किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि अप्रैल, २०२१ में बिहार कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद विभाग ने एमएसटीसी लिमिटेड के साथ एमओयू साईन किया। उन्होंने कहा कि स्क्रैप सामग्री के निष्पादन की प्रक्रिया को क्रियान्वित करते समय सभी मौजूदा नियमों और मानदंडों का कड़ाई से पालन किया जायेगा। कबाड़ का भौतिक सत्यापन और अनुपयोगी वस्तुओं की लिस्ट तैयार करने के लिए जिन्ना, मेडिकल कॉलेज और प्रमुख स्वास्थ्य संस्थान स्तर पर समितियां गठित की गयी हैं।

ई-नीलामी की प्रक्रिया शुरू करने के लिए अनुशंसित सूचियां एमएससीसी को भेजी जायेगी। जिला की समितियों की अध्यक्षता सिविल सर्जन करेंगे, जबकि मेडिकल कॉलेज एवं अन्य स्वास्थ्य संगठनों में गठित समितियों की अध्यक्षता क्रमश: प्राचार्य और अधीक्षक करेंगे।