स्वास्थ्य

आधुनिक जीवन शैली ने हमारी दिनचर्या


विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस
आधुनिक जीवन शैली ने हमारी दिनचर्या और खानपान की आदतों में ऐसा बदलाव किया है कि बालक, युवा वृद्ध या महिला सभी में तेजी से हड्डियों की समस्या तेजी से बढ़ रही है।आपकी हड्डियां जीवन भर आपका साथ दें, आप ये तो चाहते हैं, लेकिन उन पर पर्याप्त ध्यान नहीं दे पाते।
 नवजात बच्चों से लेकर बढ़ते बच्चों एवं वृद्ध व्यक्ति में कैल्शियम और विटामिन-डी की जरूरत होती है। इसकी कमी से बच्चों में रिकेट्स और स्कर्वी जैसे रोग तथा बड़े लोगो मे ओस्टीयोपोरोसिस हो सकते हैं।बच्चों के हाथ-पैरों में टेढ़ापन और बड़ा माथा होना विटामिन डी की कमी को ही दर्शाता है। सूर्य की रोशनी विटामिन-डी का सबसे बेहतर स्रोत है इसलिए बच्चों को घर से बाहर धूप में खेलने के लिए कहना चाहिए।महिलाओं में मेनोपॉज के बाद उनकी हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। इस रोग में बारे में लोगो को जागरूक करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 20 अक्टूबर को विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस मनाया जाता है जिससे लोग अपने स्वास्थ्य की देखभाल कर सके।ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारी में में तो हड्डियां उम्र के साथ मुलायम होकर चिटकने लगती हैं।  इससे कैसे बचे इससे बारे में जानते है चौकाघाट स्थित राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय , वाराणसी के कायचिकित्सा एवं पंचकर्म विभाग के  वैद्य डॉ अजय कुमार से-
हड्डियों की मजबूती के लिए किसकी जरूरत होती है ?
स्वस्थ हड्डियों के लिए कैल्शियम और विटामिन डी के अतिरिक्त प्रोटीन, विटामिन के, मैग्नीशियम, पोटैशियम, विटामिन सी और दूसरे पोषक तत्व आवश्यक हैं।
1. कैल्शियम- कैल्शियम हमारे शरीर में सबसे अधिक मात्रा में पाया जाने वाला तत्व है। शरीर के 99 प्रतिशत कैल्शियम का संचय हड्डियों में होता है, जबकि शरीर की विभिन्न क्रियाओं में केवल 1 प्रतिशत कैल्शियम का उपयोग किया जाता है। इसलिए हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए उचित मात्रा में कैल्शियम का सेवन आवश्यक है। एक औसत व्यक्ति को प्रतिदिन 1,000 से 1,200 मिलीग्राम कैल्शियम की आवश्यकता होती है।
2. विटामिन डी- विटामिन डी की कमी से हड्डियां कमजोर और मुलायम हो जाती हैं। सूर्य का प्रकाश विटामिन डी का सबसे अच्छा स्त्रोत है।
3. पोटैशियम- जो लोग पर्याप्त मात्रा में पोटैशियम का सेवन करते हैं, उनकी हड्डियों की सेहत बेहतर रहती है।
4. मैग्नीशियम- मैग्नीशियम हड्डियों को मजबूत बनाता है।
5. विटामिन सी और विटामिन के- हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए विटामिन सी और विटामिन के भी बहुत आवश्यक हैं।
किनको ओस्टीयोपोरोसिस का खतरा अधिक होता है ?
1. महिलाओ में  रजोनिवृत्ति के बाद या पचास साल की उम्र  के ऊपर शरीर मे बहुत से हॉरमोन संबंधित परिवर्तन होते है जिसकी वजह से इनको ओस्टीयोपोरोसिस का रिस्क ज्यादा रहता है।
2. किसी अन्य बीमारी के कारण बहुत दिनों से बिस्तर पर पड़े हुए हैं जिसके कारण फिजिकल एक्टिविटी नही होने से इसका खतरा रहता है।
3.  यदि आप बहुत कम चलते-फिरते हैं, अक्सर आलसी की तरह पड़े रहते हैं और व्यायाम आदि से दूर रहते है
4. यदि गठिया, थायरॉयड, खून की कमी आदि किसी भी लंबी बीमारी से पीड़ित हैं
5.  यदि किसी अन्य रोग के इलाज के लिए या अन्य कारणों से आप स्टेरॉयड्स ले रहे हैं तो आपको ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा है
6. मिर्गी की दवाइयां,  तथा इम्यूनोसप्रेशन करने वाली दवाइयां जो गठिया में खूब लिखी जाती हैं वे भी हड्डियों को कमजोर करती हैं
7. यदि खूब शराब और  सिगरेट पीते हैं
8. साठ साल से ऊपर के बुजुर्ग हैं
कैसे करे ओस्टीयोपोरोसिस की रोकथाम?
1. व्यायाम, खासतौर पर चलना, जॉगिंग आदि जितना करेंगे और जितनी उम्र तक करते रहेंगे, हड्डियों को ताकत मिलेगी।
2. आलस्य हड्डियों का दुश्मन है इसलिए हमेशा मेहनत करते रहे
3. दूध-दही और पनीर और दूध के बने आहार द्रव्यों का पर्याप्त सेवन करें। इनमें कैल्शियम होता है।
4. हमें प्रतिदिन 1000 मिलीग्राम तक कैल्शियम की जरूरत होती है इनकी  गोलिया से मात्रा पूरी कर सकते हैं।
5. रोज पंद्रह मिनट से पच्चीस मिनट धूप में गुजारें। शरीर का प्राकृतिक विटामिन डी चमड़ी के नीचे, धूप की गर्मी और अल्ट्रावॉयलेट किरणों से बनता है।
6. विटामिन-डी की मात्रा 800-1000 यूनिट रोजाना तक होती है। इसके लिए नियमित धूप का सेवन करे।
आयुर्वेद का इलाज-
7. आयुर्वेद में प्रवाल पिष्टी, प्रवाल पंचामृत, गोदन्ती, मुक्ता भस्म आदि का सेवन करना चाहिए।
8. लाक्षा गुग्गुल, आभा गुग्गुल, शल्लकी, अस्थिसंहारक यानी हड़जोड़ का सेवन हड्डियों को मजबूत बनाता है।
9. हड्डियों की मजबूती के लिए विटामिन डी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह शरीर को कैल्शियम अवशोषित करने में सहायता करता है। विटामिन डी की सर्वाधिक मात्रा सूर्य के प्रकाश से और अन्य भोज्य स्रोतों जिनमें वसायुक्त मछली, लीवर, अंडे, आदि से प्राप्त होती है।