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आध्यात्मिक गुरु कैलाश की शिष्या के कस्टडी मामले में SC ने नहीं दिया कोई आदेश,


  • आध्यात्मिक गुरु कैलाश की ओर से शिष्या की कस्टडी के लिए दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कोई आदेश नहीं दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विचित्र तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए हम इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केरल हाई कोर्ट ने माता-पिता को बालिग लड़की की कस्टडी इस आधार पर सौंपी कि उसकी मानसिक हालत ठीक नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्वयं को संतुष्ट करने के लिए हम केरल हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार से अनुरोध करते हैं कि जिला जज मामले की जांच करें और माता-पिता और लड़की से संपर्क करें और सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट भेजें. वकील गोपाल शंकरनारायण ने कहा कि लड़की एक वयस्क है उसे खुद के लिए निर्णय लेने की अनुमति दी जानी चाहिए, याचिकाकर्ता के साथ रहना चाहती है या नहीं.

माता-पिता के साथ रह रही है लड़की

मुख्य न्यायाधीश ने कहा लड़की 21 साल की है और उसको नहीं पता वो क्या कर रही है, उसकी मानसिक स्थिति भी सही नहीं है. वकील गोपाल शंकरनारायण ने कहा कि एक वयस्क लड़की को उसके माता पिता ने अवैध रूप बंदी बना कर रखा है, उसकी रिहाई में रूचि रखने वाले व्यक्ति बंदी प्रत्यक्षीकरण दाखिल कर सकते हैं. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि लड़की को अवैध बंदी नहीं बनाया गया है, वो अपने माता-पिता के साथ रह रही है.