पटना

आयुष्मान कार्ड बनाने की नालंदा में प्रगति धीमी


      • 47 लाख कार्ड बनाया जाना था, लेकिन बना है मात्र 2.87 लाख
      • इस वित्तीय वर्ष में 7935 लोगों ने लिया है कार्ड का लाभ

बिहारशरीफ (आससे)। गरीबों को इलाज में काफी मददगार रहा है गोल्डेन कार्ड, लेकिन निर्माण की धीमी प्रगति से जिले के काफी लोग फायदा से वंचित रह रहे है। 80 फीसदी लोगों के पास अभी तक कार्ड नहीं बना है। हालांकि इस वित्तीय वर्ष में कुल 7935 लोगों ने गोल्डेन कार्ड का लाभ लिया है। लॉकडाउन के कारण कार्ड बनाने का काम बंद था। हालांकि जून से फिर से कार्ड बनाने का काम शुरू हुआ है।

जिले में 14 लाख 47 हजार 876 लेागों को कार्ड बनाने का लक्ष्य था, लेकिन महज 20 फीसदी लोगों का ही यह कार्ड बन सका है। अभी तक मात्र 87147 लोगों को कार्ड दिया गया है। इस कार्ड से एक परिवार के लोग साल में पांच लाख रुपये तक का इलाज करा सकते है।

आयुष्मान भारत के जिला समन्वयक की मानें तो 14 लाख 87 876 लाभुकों का नाम इस योजना के लिए दर्ज है। इन सबों को पीएम का पत्र भेजा जा चुका है। जिन्हें पत्र मिला है उन्हें राशन कार्ड और आधार कार्ड के साथ मोबाइल नंबर अपने पंचायत या प्रखंड मुख्यालय के वसुधा केंद्र पर जाकर गोल्डेन कार्ड बनवाना है, लेकिन लोग इसमें दिलचस्पी नहीं दिखा रहे है। कहा तो यह भी जा रहा है कि जिन लोगों के पास गोल्डेन कार्ड है वो भी इसका लाभ नहीं उठा पा रहे है।