सम्पादकीय

ईश्वरपर विश्वास


जग्गी वासुदेव

जोशक्ति सृजन (रचना) करती है, वह अपनी रचनासे गायब नहीं हो सकती, लेकिन वह बड़ी कुशलतासे खुदको तबतक छिपानेमें कामयाब रहती है, जबतक कि आप उसका नकाब हटानेकी कोशिश नहीं करते तो जिसे आप आध्यात्मिक प्रक्रिया कहते हैं, वह महज उस ईश्वरपर पड़े पर्देको हटाना है। कुछ संस्कृतियां और मत ईश्वरमें सहज विश्वास कर लेना सिखाते हैं। दुनियामें कुछ ऐसी ताकतें भी हैं, जो देखती हैं कि सृष्टि अपने स्रोतसे अलग हो ही नहीं सकती। यदि इस सृष्टिके सृजनमें सृष्टाका हाथ है तो आपको उस सृजकका हाथ पकड़कर उसे नीचे खींच लें। ताकि वह हम सब लोगोंके बीचमें रह सके। उसे कोई विकल्प नहीं देना है, उसकी वजह है कि उसने हमें कोई विकल्प नहीं दिया। उसने हमसे नहीं पूछा था कि हम बनना चाहते हैं या नहीं तो फिर हमें उससे पूछनेकी क्या जरूरत है कि वह नीचे आना चाहता है या नहीं। हम जिस संस्कृतिसे आते हैं, उसमें हम उसे कोई विकल्प देनेमें विश्वास नहीं करते। हमें उसके चेहरेसे नकाब हटाना है, ताकि वह सृष्टिकी आड़में छिपकर हमारे साथ अजीबो-गरीब हरकतें न कर सके। जो शक्ति सृजन करती है, वह अपनी रचनासे गायब नहीं हो सकती, लेकिन वह बड़ी कुशलतासे खुदको तबतक छिपानेमें कामयाब रहती है, जबतक कि आप उसका नकाब हटानेकी कोशिश नहीं करते। वह महज उस ईश्वरपर पड़े पर्देको हटाना है। बहुतसे लोग जीवनके अनेक पलोंमें या फिर कई लोग अपने पूरे जीवन भर ऐसे जीते हैं, मानो वह खुदमें ही सब कुछ हैं। बहुत सारे लोगोंके लिए संघर्ष, समस्याएं, पीड़ा, कोशिशें, चाहत, अकेलापन, सब कुछ ऐसे हो रहे हैं मानो वह जो हैं, अपने ही बलबूतेपर हैं। ऐसेमें लोगोंको एक विकल्प दिया गया कि वह किसी चीजपर विश्वास कर लें। यह विकल्प लोगोंको खास तरहकी मजबूतीका भाव, तसल्ली, सुनिश्चितता एवं खास तरहका आत्मविश्वास देता है, लेकिन अफसोसकी बात है कि इस विकल्पसे थोड़ी मूर्खता भी आ जाती है। किसीकी कही हुई बातपर सहजतासे आपका विश्वास कर लेना, तबतक तो ठीक है, जबतक आप दुनियामें किसी जिम्मेदार एवं शक्तिशाली पदपर नहीं पहुंच जाते। यदि आप महज एक आम इनसान हैं तो किसी मान्यतापर विश्वास करनेमें कोई हर्ज नहीं है लेकिन यदि आप नेतृत्वकी भूमिकामें हैं और आपको हजारों लोगोंको रास्ता दिखाना है तो आपके विश्वासकी कीमत मानव जातिको, बल्कि इस धरतीके हर जीवनको चुकानी पड़ती है। लोगोंके पास यह विश्वास तंत्र न होता तो लोग कभी भी अपनी सुविधाके लिए इस दुनियाके टुकड़े-टुकड़े करनेका दुस्साहस नहीं कर पाते। चूंकि उन्हें विश्वास है कि वह भी ईश्वरका ही प्रतिरूप हैं, इसलिए उन्हें अपने फायदेके लिए जीवनके हर रूपका शोषण करनेका पूरा अधिकार है और इसीलिए उन्होंने कई भयानक काम किये हैं।