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एस जयशंकर ने कहा- UNSC में सुधार को नकारा नहीं जा सकता, अमेरिका ने किया भारत का समर्थन


नई दिल्ली,। संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के करीब आठ दशक के बाद लगभग सभी देश इस बात पर सहमति जता रहे है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार किया जाना चाहिए। सुरक्षा परिषद में सुधार को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की आवश्यकता को नकारा नहीं जा सकता है।

सुरक्षा परिषद के सदस्य

वर्तमान में UNSC के पांच स्थायी सदस्य हैं- चीन, अमेरिका, फ्रांस, रूस और यूके। भारत दस अस्थायी सदस्यों में से एक है। केवल स्थायी सदस्य के पास किसी भी प्रस्ताव को वीटो करने की शक्ति होती है। ऐसे में अब बड़ा सवाल यह है कि शक्तिशाली सुरक्षा परिषद का आखिर विस्तार कैसे होगा?

भारत कर रहा प्रयास

सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए भारत कई वर्षों से प्रयास कर रहा है। वीटो शक्ति वाले चीन की मौजूदगी के कारण भारत की सदस्यता पर सवाल उठा हुआ है। जयशंकर ने कहा कि सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्य के रूप में भारत एक स्थान का पूरा हकदार है।

UNSC में सुधार को लेकर जयशंकर का बयान

जयशंकर ने बुधवार को अमेरिका में भारतीय पत्रकारों के एक समूह को बताया कि हमने कभी नहीं सोचा था कि यह एक आसान प्रक्रिया होगी, लेकिन हम यह मानते हैं कि सुधार की आवश्यकता को हमेशा के लिए नकारा नहीं जा सकता है। जयशंकर ने आगे कहा कि यह किसी एक देश की जिम्मेदारी नहीं है, चाहे वह कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो। मुझे लगता है कि यह एक सामूहिक प्रयास है जिसे संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों को करना है। हम आइजीएन सहित सुधार प्रयासों पर जोर दे रहे हैं। भारत अधिक जिम्मेदारियां लेने के लिए बिल्कुल तैयार है और इस बात को हमेशा के लिए नकारा नहीं जा सकता है।

जो बाइडन कर रहे सुरक्षा परिषद में सुधार का समर्थन

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी संयुक्त राष्ट्र में सुधार की वकालत की है। जो बाइडन ने पिछले सप्ताह महासभा में कहा था कि सुरक्षा परिषद में सुधार जरूर ही और इससे संस्था अधिक समावेशी बनेगा ताकि दुनिया की जरूरतों के हिसाब से बेहतर प्रतिक्रिया दी जा सके। जो बाइडन ने स्थायी सदस्य और अस्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ाने पर भी जोर दिया था। अमेरिका ने स्थायी सीट के लिए भारत की दावेदारी का भी पूरा समर्थन किया था।

क्या भारत को मिलेगी स्थायी सदस्यता

वर्तमान में भारत, 15 देशों के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का एक अस्थायी सदस्य है। जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की उच्च-स्तरीय आम बहस के अपने संबोधन में कहा कि भारत बड़ी जिम्मेदारी लेने को तैयार है। लेकिन यह सुनिश्चित करना होगा कि ग्लोबल साउथ के साथ हो रहे अन्याय को निर्णायक रूप से संबोधित किया जाए। जयशंकर ने कहा कि हमारे कार्यकाल में हमने परिषद के सामने आने वाले कुछ गंभीर मुद्दो पर चर्चा की। हमने समुद्री सुरक्षा, शांति स्थापना और आतंकवाद का मुकाबला करने जैसी चिंताओं पर भी ध्यान केंद्रित किया है।

गौरतलब है कि जयशंकर और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने न्यूयॉर्क में अपनी बैठक के दौरान सुरक्षा परिषद में सुधार के साथ-साथ यूक्रेन और म्यांमार की स्थिति पर चर्चा की। संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करने के बाद जयशंकर ने शनिवार को यहां गुटेरेस से मुलाकात की।