कल यानी बुधवार से सबसे बड़ी पंचायत बैठने जा रही है। संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है। यह सत्र 7 दिसंबर से शुरू होकर 29 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान 17 बैठकें होंगी। इस सत्र में सरकार 16 संशोधित विधेयकर लेकर आएगी। इनमें सूचना एंव प्रौद्योगिकी संशोधित विधेयक 2022 महत्वपूर्ण होगा। संसद का शीतकालीन सत्र पुरानी संसद में ही होगा। नई संसद में अभी 70 फीसदी कार्य पूरा हुआ है। जल्द ही कार्य को पूरा कर लिया जाएगा। माना जा रहा है कि अगले साल जनवरी के अंत में नई संसद में सत्र आयोजित होगा।
आगामी सत्र में राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक भी पेश किए जाने की संभावना है। इस विधेयक में राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग की स्थापना और दंत चिकित्सक कानून, 1948 को निरस्त करने का प्रस्ताव है। इसके साथ ही राष्ट्रीय नर्सिंग आयोग संबंधी विधेयक भी पेश किए जाने की संभावना है जिसमें राष्ट्रीय नर्सिंग आयोग (एनएनएमसी) स्थापित करने एवं भारतीय नर्सिंग परिषद कानून 1947 को निरस्त करने का प्रस्ताव है।
बहु-राज्यीय सहकारी समितियां (संशोधन) विधेयक, 2022 को सहकारी समितियों में शासन को मजबूत करने, पारदर्शिता व जवाबदेही बढ़ाने और चुनावी प्रक्रिया में सुधार के उद्देश्य से पेश किया जा रहा है। सत्र के दौरान छावनी विधेयक, 2022 पेश किए जाने की संभावना है। इस विधेयक के उद्देश्यों में छावनियों में ‘‘जीवन की सुगमता” को बढ़ाने का प्रस्ताव भी शामिल है। इस दौरान पेश किए जाने वाले विधेयकों की सूची में पुराना अनुदान (विनियमन) विधेयक, वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक, तटीय जलकृषि प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक आदि भी शामिल हैं।
विपक्ष ने बनाई सरकार को घेरने की रणनीति
शीतकालीन सत्र में कांग्रेस ने सरकार को घेरने की रणनीति पर 3 दिसंबर (शनिवार) को बैठक हुई। इस बैठक में कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। कांग्रेस सरकार को महंगाई, बेरोजगारी, चीन सीमा विवाद समेत कई मुद्दों पर घेरने की कोशिश करेगी। शीतकालीन सत्र में विपक्षी दलों द्वारा उठाये जाने वाले कई मुद्दों में प्रमुख मुद्दा पूर्वी लद्दाख में चीन से लगी सीमा की स्थिति और जांच एजेंसियों के कथित दुरूपयोग का विषय है और इन मुद्दों पर सदन में टकराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
राहुल गांधी और कांग्रेस के कई नेता ‘भारत जोड़ो’ यात्रा में शामिल हैं, ऐसे में उनके सत्र में हिस्सा लेने की संभावना नहीं दिखायी देती है। संसद सत्र से पहले सरकार ने सोमवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई जिसमें कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक, बीजद, आप सहित 31 दलों के सदन के नेताओं ने हिस्सा लिया। बैठक के बाद लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने स्पष्ट कर दिया कि ‘‘ देश में आज मुद्दे ही मुद्दे हैं और विपक्ष सदन में चर्चा और सिर्फ चर्चा करना चाहता है।