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कश्मीर में बंधक बने बिहार के 11 बच्चे लौटे शेखपुरा, बोले- अब यहीं करेंगे काम नहीं जाएंगे परदेश


शेखपुरा। बिहार के 11 बच्चों को जम्मू कश्मीर में बंधक बनाया गया था, जिन्हें अब छुड़वा लिया गया है। वो भी बच्चे अपने घर शेखपुरा भी पहुंच गए हैं। घर-परिवार से हजारों किमी दूर अनजान कश्मीर में लगभग एक पखवाड़े तक बंधक बने सोहीत ने शेखपुरा पहुंचकर अपनी कहानी बयां करते हुए कहा अब कमाने के लिए परदेस नहीं जाएंगे।

अपने प्रदेश में ही अब करेंगे काम

यही संकल्प सोहीत के साथ बंधक बने पानापुर के बाकी 10 किशोरों ने भी दोहराया। 11 किशोरों के साथ सोहीत अपने सगे भाई उजाला कुमार के साथ बंधक बना हुआ था। किशोरों ने सुरक्षित घर वापसी के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और शेखपुरा के डीएम,एसपी के प्रति आभार जताया और कहा अब अपने गांव,जिला तथा बिहार में ही काम करके रहना है,परदेस नहीं जाना है।

कश्मीर के ठेकेदार को बच्चों को बेचा

सोहीत ने बताया पलामू के लेबर एजेंट प्रेमप्रकाश सोनी के साथ पहले भी काम कर चुके हैं,मगर इस बार वह पूरी तरह से दगाबाज निकला। दिल्ली में काम दिलाने के नाम पर सभी को कश्मीर ले जाकर वहां के ठीकेदार के हाथों बेच दिया। कश्मीर का ठीकेदार हम सभी को अलग-अलग जगहों पर बेच दिया।

रात के अंधेर में ले गए कश्मीर

सोहीत ने कश्मीर में बंधक बनाए जाने के वक्त को याद सिहर उठता है। उसका कहना है कि हम लोगों में से किसी को गैरेज,किसी को होटल,किसी को किसान के यहां बेचकर सिर्फ खाना देकर काम कराया जा रहा था। जैसे ही हम अपने घर जाने की बात कहते थे हमारे साथ मारपीट की जाती थी। जानकारी के मुताबिक सभी किशोरों को रात के अंधेरे में कश्मीर पहुंचाया गया था,जिसकी वजह से स्थान का सही पता भी नहीं चल पा रहा था। एक पखवाड़े से सभी किशोर स्नान भी नहीं कर पाये हैं।