सम्पादकीय

काबूमें दूसरी लहर


कोरोना महामारीके खिलाफ जंगमें निरन्तर सफलता मिलना अत्यन्त ही सुखद और राहतकारी है। दूसरी लहर अब नियंत्रणमें आ गयी है। जहां एक ओर नये संक्रमितोंकी संख्या कम हो रही है वहीं मृतकोंके आंकड़ेमें भी उल्लेखनीय गिरावट आयी है और ठीक होनेवालोंकी संख्यामें तेजीसे वृद्धि हुई है। रविवारको केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालयकी ओरसे जारी आंकड़ोंके अनुसार पिछले २४ घण्टोंमें दो महीनोंमें सबसे कम एक लाख १४ हजार नये मामले आये और २६ सौसे अधिक कोरोना मरीजोंकी मृत्यु हुई। मृतकोंकी संख्यामें उतार-चढ़ावका क्रम बना हुआ है, जबकि २४ घण्टोंमें एक लाख ८९ हजार २३२ लोग ठीक हुए। देशमें सक्रिय मरीजोंकी संख्या भी कम हुई है। इस समय १४ लाख ७७ हजार ७९९ सक्रिय मरीज हैं। लगातार १३वें दिन पाजिटिव रेट दस प्रतिशतसे नीचे बनी हुई है। उल्लेखनीय तथ्य यह भी है कि पिछले एक सप्ताहमें नये मामलोंमें ३२ प्रतिशतकी कमी आयी है और मृतकोंकी संख्यामें १९ प्रतिशतकी गिरावट दर्ज हुई है। कोरोनासे गम्भीर रूपसे प्रभावित महाराष्टï्र और गुजरातमें ढाई महीनेके बाद सबसे कम १३,६५९ नये मामले मिले। जांच और टीकाकरण अभियानका इस जंगमें उल्लेखनीय योगदान रहा है। पिछले २४ घण्टोंमें ३३ लाख ५३ हजारसे अधिक टीकेकी खुराक दी गयी। अबतक २३ करोड़ १३ लाखसे ज्यादा लोगोंको टीके लगाये गये हैं। वहीं २४ घण्टोंमें २० लाख ३६ हजारसे अधिक लोगोंकी जांच की गयी है। जांच और टीकाकरणके अभियानमें और तेजी लानेकी आवश्यकता है। इससे कोरोनाको परास्त करनेमें काफी सहायता मिलेगी। ग्रामीण क्षेत्रोंपर अधिक ध्यान देनेकी जरूरत है। टीकाकरणको लेकर हो रही राजनीति और आरोप-प्रत्यारोप अनुचित है। टीकाकरण नीतिपर भी सवाल उठाये जा रहे हैं और इसमें असमानता और भेदभावकी बातें की जा रही हैं, जिसे केन्द्र सरकारने खारिज कर दिया है। केन्द्र सरकारका कहना है कि उदार टीका नीतिके तहत टीकेकी खुराकें जो सरकारी और निजी क्षेत्रोंको आवंटित की गयी हैं, वह उचित हैं। विगत एक मईसे लागू टीका नीति राज्योंमें सुगम टीकाकरण और उनके परिचालनके तनावको कम करती है। निजी क्षेत्रको २५ प्रतिशत टीकोंके वितरणकी व्यवस्था अलगसे की गयी है। यह योजना लोगोंतक टीकाकी बेहतर पहुंचकी सुविधा प्रदान करती है। इससे सरकारी टीकाकरण अभियानपर बोझमें कुछ कमी आयगी। ऐसे बहुत लोग हैं जो टीकेके लिए निजी अस्पतालोंमें जाना पसन्द करते हैं। निजी अस्पतालोंमें टीकेका मूल्य देना पड़ता है, जबकि सरकारी केन्द्रोंपर यह नि:शुल्क उपलब्ध है। व्यक्ति अपनी आर्थिक क्षमता और सुविधाकी दृष्टिïसे टीके लगवा सकते हैं।

पुतिनकी दो-टूक

पूर्वी लद्दाखमें भारत और चीनके बीच लम्बे समयसे जारी तनातनीके बीच रूसके राष्टï्रपति ब्लादिमीर पुतिनका द्विपक्षीय मुद्दोंपर किसी तीसरे देशके हस्तक्षेपको खारिज करनेका बयान काफी महत्व रखता है। राष्टï्रपति पुतिनने भारतके प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी और चीनके राष्टï्रपति शी जिनपिंगको जिम्मेदार नेता बताते हुए कहा कि दोनों नेता द्विपक्षीय मुद्दोंको सुलझानेमें सक्षम हैं। उन्होंने इसके महत्वको रेखांकित करते हुए कहा कि क्षेत्रसे अलग किसी भी तीसरी शक्तिको प्रक्रियामें दखल नहीं देना चाहिए। राष्टï्रपति पुतिनकी यह बेबाक टिप्पणी भारत और रूसके बीच विश्वासपूर्ण सम्बन्धोंके आधारको और मजबूत करनेवाली है। रूसका दृष्टिïकोण भारतकी नीतियोंके अनुरूप है। यह अन्य देशोंके लिए भी अनुकरणीय है। पड़ोसी देशोंके बीच कई मुद्दे हमेशासे रहे हैं और आगे भी रहेंगे, जिन्हें द्विपक्षीय वार्तासे ही सुलझाना श्रेयस्कर है। राष्टï्रपति पुतिनकी द्विपक्षीय मुद्दोंपर की गयी टिप्पणीसे पाकिस्तानको गहरा आघात पहुंचा है। परोक्ष रूपसे इसका सीधा सन्देश पाकिस्तानको जाता है। पाकिस्तान कश्मीरके मुद्देपर हमेशासे ही किसी तीसरे देशका दखल चाहता है। पाकिस्तानके विदेशमंत्री शाह महमूद कुरैशीने शनिवारको कश्मीर मुद्देको उठाने और इसपर समर्थन हासिल करनेके लिए अगले साल इस्लामाबादमें मुस्लिम देशोंके विदेश मंत्रियोंकी बैठक बुलानेका ऐलान किया है जो पाकिस्तानके आवामके समक्ष कश्मीरके मुद्देपर सरकारकी सक्रियता दिखानेका प्रयास माना जा रहा है। द्विपक्षीय मुद्दोंके समाधानके लिए राष्टï्रपति पुतिनकी दो-टूक टिप्पणीसे कश्मीर मुद्देको अंतरराष्टï्रीय मुद्दा बनानेका पाकिस्तानके प्रयासको तगड़ा झटका लगा है। भारत-चीनके मुद्देका दूरगामी परिणाम अप्रत्यक्ष रूपसे पाकिस्तानपर पड़ेगा। द्विपक्षीय मुद्दोंका अन्तरराष्टï्रीकरण नहीं होना चाहिए। चीनको भारतके साथ मिलकर समस्याओंका समाधान करना चाहिए इसीमें उसका हित है।