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कोरोना के खिलाफ जंग में वायुसेना.ऑक्सीजन समेत इन चीजों की सप्लाई की शुरू


  1. कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने देश में त्राहि-त्राहि मचा दी है. कई हिस्‍सों में ऑक्‍सीजन और बेड की कमी से अस्‍पताल जूझते हुए नजर आ रहे हैं. संकट की इस घड़ी में भारतीय वायुसेना (आईएएफ) एक बार फिर रक्षक की तरह सामने आई है. आईएएफ ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई मे अपने 5 तरह के एयरक्राफ्ट को देश के अलग-अलग हिस्‍सों में जरूरी सामानों की सप्‍लाई जिसमें ऑक्‍सीजन के लिए कंटेनर्स भी शामिल हैं, तैनात कर दिया गया है.

5 तरह के एयरक्राफ्ट मिशन पर

रक्षा मंत्रालय की तरफ से बयान में कहा गया है, ‘आईएएफ ने ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और हेलीकॉप्‍टर्स को मिशन पर तैनात किया है. इन एयरक्राफ्ट में सी-17, सी-130, आईएल-76, एएन-32 और एवरो शामिल हैं. इसके अलावा चिनुक और एमआई-17 हेलीकॉप्‍टर्स स्‍टैंडबाई पर रखे गए हैं.

‘ रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि आईएएफ की तरफ से नर्सिंग स्‍टाफ और डॉक्‍टरों को कोच्चि, मुंबई, विजाग और बेंगलुरु से एयरलिफ्ट किया गया है. इन सभी को दिल्‍ली लेकर आया गया है.

देश में ऑक्‍सीजन की पर्याप्‍त मात्रा है और समस्‍या बस इसे ट्रांसपोर्ट करने की है और जरूरत कंटेनर्स की हैं ताकि सड़क या फिर रेल मार्ग से इन्‍हें लाया जा सके. ऐसे में आईएएफ के ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट को इस मिशन के लिए लगाया गया है.

सबसे भारी ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट C-17

सी-17 ग्‍लोबमास्‍टर दुनिया का सबसे बड़ा ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट है. आईएएफ सूत्रों के मुताबिक इस एयरक्राफ्ट में एक बार में दो ऑक्‍सीजन टैंकर्स आ सकते हैं. इंडियन एयरफोर्स के अलावा इस समय इस एयरक्राफ्ट का प्रयोग रॉयल एयरफोर्स, रॉयल ऑस्‍ट्रेलियन एयरफोर्स, रॉयल कनैडियन एयरफोर्स, कतर, यूएई और नाटो की सेनाएं इसका प्रयोग करती हैं. इसे अमेरिकी कंपनी बोइंग बनाती है.

यह दुनिया का सबसे बड़ा एडवांस्‍ड मिलिट्री एयरलिफ्ट और कार्गो एयरक्राफ्ट है. चार इंजन वाला यह एयरक्राफ्ट 76,657 किलोग्राम का वजन ले जा सकने में सक्षम है. साइज में बड़ा होने के बावजूद यह किसी भी छोटी एयरफील्‍ड पर आसानी से लैंड कर सकता है. इसका कॉकपिट पूरी तरह से इलेक्‍ट्रॉनिक सिस्‍टम से लैस है और इंटीग्रेटेड है. तीन क्रू वाले इस एयरक्राफ्ट में एक पायलट, को-पायलट और एक लोडमास्‍टर होता है.

रूस का गजराज भी ड्यूटी पर

रूस में बना आईएल 76 आईएएफ का सबसे पुराना ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट है. चार-इंजन वाले इस एयरक्राफ्ट का प्रयोग कई बार सफलतापूर्वक प्राकृतिक आपदा के दौरान लोगों को निकालने के लिए किया जा चुका है. इस समय सी-17 के साथ यह एयरक्राफ्ट भी कोविड-19 के खिलाफ जंग में बड़ी भूमिका अदा कर रहा है. इस एयरक्राफ्ट में एक स्‍कूल बस आसानी से फिट हो सकती है. साथ ही इसमें 60 यात्रियों या फिर दो शिपिंग कंटेनर्स को भी फिट किया जा सकता है.

आईएल-76 17,500 किलोग्राम का वजन उठा सकता है. गजराज भी इस समय दो कंटेनर्स को आसानी से ट्रांसपोर्ट कर सकता है. इस एयरक्राफ्ट को सन् 1967 में लॉन्‍च किया गया था. इसके आकार को देखते हुए इसे ‘गजराज’ के नाम से भी जानते हैं. यह एयरक्राफ्ट मुश्किल से मुश्किल जगह पर कम से कम समय में अपने मिशन को पूरा करने में समर्थ है. आईएएफ के अलावा गजराज को यूरोप और अफ्रीका की सेनाएं भी प्रयोग कर रही हैं.

C-130 में आ सकते हैं 2 कंटेनर्स

आईएएफ का तीसरा सबसे बड़ा ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट सी-130 हरक्‍यूलिस भी कोविड-19 की जंग में शामिल है. अमेर‍िका के सी-130 को लॉकहीड मार्टिन तैयार करती है. चार इंजन वाले इस एयरक्राफ्ट को सर्वश्रेष्‍ठ ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट माना जाता है. यह एयरक्राफ्ट भी 2 कंटेनर्स को ट्रांसपोर्ट कर सकता है. इस एयरक्राफ्ट का प्रयोग खासतौर पर साजो-सामान और मिलिट्री ट्रूप्‍स के साथ टैंक और इस तरह के दूसरे उपकरणों को ट्रांसपोर्ट करने में किया जाता है.