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 कोरोना के साथ दूसरे बैक्टीरियल या फंगल इंफेक्शन कितने खतरनाक, रिसर्च


  • ICMR की रिसर्च में एक चौकाने वाला परिणाम सामने आया है. रिसर्च के मुताबिक कोरोना संक्रमण के दौरान या इलाज के बाद यदि व्यक्ति को अन्य संक्रमण हो जाता तो उनमें से आधे की मौत हो जाती है. आईसीएमआर ने 10 अस्पतालों के अध्ययन में पाया है कि कोरोना रोगी जिन्हें अन्य संक्रमण हो गया, उनमें से 56.7 प्रतिशत की मौत हो गई.

जरूरत से ज्यादा एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल और सुपरबग भारत में कोविड-19 महामारी के संकट को और बढ़ा दिया है. बैक्टीरिया, वायरस, फंगस, पारासाइट इत्यादि सूक्ष्म जीवों को कहते हैं जिनसे न्यूमोनिया, यूटीआई, स्किन डिजीज आदि बीमारी होती हैं. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) की एक रिसर्च में यह बात सामने आई है.

टीओआई में छपी खबर के मुताबिक इस रिसर्च में 10 अस्पतालों में कोरोना से मरने वाले रोगियों पर परीक्षण किया गया जिसमें मुंबई के सायन और हिंदुजा अस्पताल भी शामिल हैं. अध्ययन बेहद चौंकाने वाला था. अध्ययन के मुताबिक कोरोना से संक्रमित वह व्यक्ति जो secondary bacterial or fungal infection से पीड़ित थे, उनमें से आधे व्यक्तियों की मौत हो गई. सेकेंडरी बैक्टीरियल या फंगल इंफेक्शन का मतलब कोरोना के दौरान या इलाज के बाद व्यक्ति में बैक्टीरियल या फंगल इंक्शन हो गया हो.

अन्य इंफेक्शन के कारण 56 फीसदी मरीजों की मौत
10 अस्पतालों के अध्ययन में पाया गया कि कोरोना रोगी जिन्हें अन्य संक्रमण हो गया, उनमें से 56.7 प्रतिशत की मौत हो गई. हालांकि इस अध्ययन का साइज बहुत छोटा है और इससे किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंचा सकता है. अध्ययन में 10 अस्पतालों में 17,536 कोरोना रोगियों को शामिल किया गया. इनमें से 3.6 प्रतिशत यानी 631 मरीज सेकेंडरी बैक्टीरियल या फंगल इंफेक्शन के शिकार हुए. इन 631 मरीजों में से 56.7 प्रतिशत मरीजों की मौत हो गई. दूसरी ओर अगर कोरोना से कुल मौत की दर को देखें तो यह सिर्फ 10.6 प्रतिशत है.