पटना

कोरोना मामले में मुख्य सचिव ने दाखिल किया ब्यौरा, हाईकोर्ट ने कहा- ‘कौन से लोकेशन पर कितना बेड है, इससे पता नहीं चलता’


पटना (विधि सं)। कोरोना महामारी से निपटने को लेकर दायर जनहित याचिकाओं पर पटना हाई कोर्ट के समक्ष सोमवार को भी सुनवाई हुई। सुनवाई मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल व न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ के समक्ष शिवानी कौशिक व अन्य जनहित याचिकाओं पर की गई। राज्य सरकार ने मुख्य सचिव के जरिये कोविड केअर सेंटर व डेडीकेटेड कोविड केअर हॉस्पिटल के संबंध में आंकड़ों को दाखिल किया।

हलफनामा में राज्य के जिलों में उपलब्ध बेड की जानकारी भी दी गई। खण्डपीठ ने इस बात को लेकर थोड़ी नाराजग़ी जताते हुए कहा कि कौन से लोकेशन पर कितना बेड है, इससे पता नहीं चल पा रहा है। कोर्ट को डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ व पारा मेडिकल स्टाफ की बहाली प्रक्रिया को लेकर भी जानकारी दी गई। राजधानी के एनएमसीएच अस्पताल के अधीक्षक के उस चिट्टी के संबंध में गौरव कुमार सिंह की अर्जी पर भी कोर्ट ने सुनवाई करते हुए महाधिवक्ता को मामले को देखने का निर्देश दिया, जिसमें रेमडेसिविर दवा का इस्तेमाल नहीं करने के लिए कहा गया था।

आरटी-पीसीआर की जांच रिपोर्ट में देरी के मामले में राज्य सरकार को कार्रवाई करने को कहा गया है। ऑक्सीजन सिलेंडर की पर्याप्त और जल्द आपूर्ति व टीका की कीमत के मुद्दे पर भी अगली तिथि को सुनवाई होगी। इस मामले पर आगे की सुनवाई आगामी बुधवार को की जाएगी।