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कोविड के बूस्टर टीकों से वायरस के स्वरूपों के खिलाफ सुरक्षा बढ़ने की संभावना – नया अनुसंधान


  • नॉटिंघम (ब्रिटेन), 28 अगस्त (द कन्वरसेशन) टीके कोरोना वायरस के नए स्वरूपों से कितनी अच्छी तरह रक्षा करते हैं? यह एक प्रश्न है जिसका जवाब हम – नॉटिंघम में वैज्ञानिकों और डॉक्टरों का एक समूह – इस साल की शुरुआत से देने की तैयारी कर रहे थे। हमने महामारी के दौरान कई नर्सों और डॉक्टरों से रक्त के नमूने एकत्र किए। हमने पहली लहर के चरम पर, अप्रैल 2020 में यह देखने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों से रक्त लेना शुरू किया कि उनमें से कितने कोरोना वायरस से संक्रमित थे और उनकी एंटीबॉडी का स्तर क्या था। हमने गर्मियों में और फिर शरद ऋतु में भी उनसे संपर्क बनाए रखा, इसलिए हमें पता था कि वास्तव में किसको कोविड हुआ और कब। फिर हमने उनमें से एक समूह को टीके की अपनी पहली और दूसरी खुराक प्राप्त करने के बाद हमें रक्त के नमूने देने के लिए कहा। हमने प्रत्येक खुराक के बाद उनकी एंटीबॉडी के स्तरों को मापा और खासकर वायरस को बेअसर करने वाले एंटीबॉडीज के स्तर को। हमने इन नमूनों को भी अपने पास रखा था ताकि हम भविष्य में यह परीक्षण कर सकें कि टीकाकरण से बनी एंटीबॉडी ने कोरोना वायरस के उन स्वरूपों को कितने बेहतर तरीके से बेअसर किया है जिन्हें प्रतिभागियों ने नहीं देखा था। हमने बाद में वुहान में पहचाने गए वायरस के मूल रूप के साथ-साथ बीटा (बी1351) और गामा (पी1) स्वरूपों के खिलाफ एंटीबॉडी की गतिविधि मापी। सुरक्षा मापने के लिए जांच का तरीका निष्प्रभावी करने वाली एंटीबॉडी एक वायरस से इस तरह से जुड़ जाती है जो इसे कोशिकाओं को संक्रमित करने से रोकता है।