पटना

खगड़िया जिले में गंगा के रौद्र रूप से दहशतजदा हैं तटवर्ती इलाके के लोग


      • अधिकारियों की टीम लगातार ले रही जायजा
      • जिलाधिकारी ने चौकस रहने और बचाव, राहत कार्य को लेकर दिए निर्देश

खगड़िया (आससे)। खगड़िया जिला में बाढ़ को लेकर चौकस जिलाधिकारी  आलोक रंजन घोष ने  लगातार बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा कर राहत और बचाव कार्य को लेकर संबंधित अधिकारियों एवं बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अभियंताओं को आवश्यक निर्देश दिए हैं। गंगा के जलस्तर में हो रही वृद्धि से उत्पन्न हालात का जायजा लेने के क्रम में  मंगलवार को जिलाधिकारी परबत्ता अंचल में गोगरी नारायणपुर बांध का निरीक्षण एवं बाढ़ग्रस्त गांव सौढ़ उत्तरी का नौका से भ्रमण किया। उन्होंने आपदा पीड़ित स्थानीय ग्रामीणों से बातचीत की एवं हर संभव सरकारी मदद उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। इस अवसर पर अपरसमाहर्ता, आपदा प्रभारी पदाधिकारी, अंचल अधिकारी परबत्ता भी उपस्थित थे।

इधर  गोगरी प्रखंड में बोरने जमींदारी बांध के टूटने की सूचना पर अपर समाहर्ता  शत्रुंजय कुमार मिश्रा, आपदा प्रभारी टेसलाल सिंह  गोगरी के अनुमंडल पदाधिकारी सुभाष चंद्र मंडल ने  टूटे तटबंध का स्थलीय  निरीक्षण किया एवं प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण कर बाढ़ के प्रभाव का आंकलन किया। टूटे तटबंध स्थल पर बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल द्वारा मरम्मति हेतु आवश्यक बाढ़ संघर्षात्मक कार्रवाई प्रारंभ की गई है।

अपर समाहर्ता सह जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी भूपेंद्र प्रसाद यादव, अनुमंडल पदाधिकारी, खगड़िया धर्मेंद्र कुमार, अनुमंडल लोक शिकायत पदाधिकारी नवाजिश अख्तर ने खगड़िया प्रखंड के बाढ़ प्रभावित पंचायतों रहीमपुर उत्तरी, मधुरा एवं अन्य गांव का नौका पर सवार होकर भ्रमण किया एवं बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लिया।

अपर अनुमंडल पदाधिकारी गोगरी चंद्र किशोर सिंह ने भी परबत्ता अंचल के सालारपुर, भरसों, लगार, चकमनियां रिंग बांध आदि क्षेत्रों का निरीक्षण किया। अधिकारियों के मुताबिक लगार जमींदारी बांध पर मिट्टी डालने सहित अन्य बाढ़ संघर्षात्मक कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। अंचल अधिकारी परबत्ता  अंशु प्रसुन्न ने भी भरसों, सालारपुर, सौढ़ उत्तरी माधवपुर एवं लगार के बाढ़ प्रभावित पंचायतों एवं गांव का जायजा लिया।

करीब आधे दर्जन नदियों से घिरे खगड़िया जिला  में तीन प्रमुख नदियां गंगा, बागमती एवं कोशी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। आज कल में भारी वर्षा होने की संभावना  से प्रभावित इलाके के लोग दहशतजदा हैं। कई इलाकों में तेजी से बाढ़ का पानी फैल रहा है। हालांकि जिला प्रशासन की ओर से यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि कितने गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश किया है और कितनी आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है, लेकिन नदी के खतरनाक तेवर और लगातार हो रही बारिश  से तटवर्ती गांव के  लोगों की चिंताएं बढ़ गई है।

जिलाधिकारी ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य प्रारंभ करते हुए प्रभावित लोगों को ऊंचे शरण स्थली में आश्रय देने, पॉलिथीन सीट, सुखा राशन पैकेट का वितरण करने और सामुदायिक किचन को आवश्यकतानुसार शुरू करने का निर्देश दिया है। उन्होंने सभी संबंधित अंचलाधिकारियों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सरकारी नौका का संचालन शुरू करने का निर्देश दिया गया है।

उन्होंने यह भी बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 66 नावें चलाई जा रही है और आवश्यकता नुसार इसकी संख्यां बढ़ाने के निर्देश दिये गए हैं। जिलाधिकारी ने  बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के कार्यपालक अभियंताओं को टूटे हुए बांध के त्वरित मरम्मति का निर्देश दिया है। उन्होंने सभी प्रशासनिक पदाधिकारियों को आपदा के इस समय में सजग एवं मुस्तैद रहने  का भी निर्देश दिया है।