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परमसत्ताका विस्तार हैं श्रीकृष्ण
Posted on Author ARUN MALVIYA
Post Views: 358 हृदयनारायण दीक्षित श्रीकृष्ण परिपूर्ण हैं। वे इकाई और अनंत भी हैं। प्रकृतिकी चरम संभावना। सहज संसारी। असाधारण मित्र। अर्जुनसे मित्रता हुई तो उसका रथ हांका। उसे विषाद हुआ। संपूर्ण तत्व-ज्ञान उड़ेल दिया। संशय नहीं मिटा तो दिखाया विश्वरूप। हम सब विश्वमें हैं। विश्वका भाग हैं। विश्वमें रमते हैं। लेकिन विश्वदर्शनमें रस नहीं […]
वर्तमान राजनीति परिदृश्यमें खतोंकी अहमियत
Posted on Author ARUN MALVIYA
Post Views: 569 राजनीतिके वर्तमान गलाकाट परिदृश्यमें पिछले दिनों नेताओं द्वारा लिखे गये पत्र आमजन मानसका ध्यान आकृष्टï करनेमें सफल रहे हैं। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि राष्टï्रीय एवं अन्तरराष्टï्रीय स्तरपर लिखे गये यह खत एक तरफ जहां उम्मीदोंका चिराग रोशन करनेका प्रयास करते दिखे वहीं, सत्तासे बिछड़नेकी आशंका भी सिरपर सवार दिखी। आश्चर्यजनक […]
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस: अपनी पत्रकारिता के दम पर अपना नाम बनाया और एक मुकाम
Posted on Author ARUN MALVIYA
Post Views: 908 नई दिल्ली, । पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है। वहीं, भारत में भी अक्सर प्रेस की स्वतंत्रता को लेकर चर्चा होती रहती है। पत्रकारिता करना एक बेहद जोखिमभरा काम है। कई बार पत्रकारिता करते हुए पत्रकारों पर हमले हो जाते हैं। इसके कई उदाहरण दुनियाभर में सामने आ चुके […]