Latest News धर्म/आध्यात्म साप्ताहिक

गुरु पूर्णिमा को गौतम बुद्ध ने दिया था अपना पहला उपदेश,


  • गौतम बुद्ध ने बोध गया में ज्ञान प्राप्त करने के बाद अपना पहला उपदेश सारनाथ में आषाढ़ पूर्णिमा को ही दिया था. इनके उपदेश जीवन के लिए जरूरी सबक है. आइये जानें

हिंदू कैलेंडर में आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा की तिथि, या हिंदू महीने के आषाढ़ मास में पूर्णिमा का दिन, सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक है. यह तिथि या दिन कई कारणों से महत्वपूर्ण है. आषाढ़ पूर्णिमा की तिथि या दिन हिंदुओं के साथ-साथ बौद्धों और जैनियों के लिए पवित्र है. यह तिथि भारत का महान महाकाव्य महाभारत के लेखक महर्षि वेद व्यास की जयंती का प्रतीक है. मान्यता है कि आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को व्यासजी का जन्म हुआ था.

यह विभिन्न कारणों से महत्वपूर्ण है और हिंदुओं, बौद्धों और जैनियों के लिए पवित्र है। यह वह दिन भी है जो महान भारतीय महाकाव्य महाभारत के लेखक महर्षि वेद व्यास की जयंती का प्रतीक है। इसके अलावा इस तिथि को ही बौद्ध धर्म के संस्थापक महात्मा गौतम बुद्ध ने बोधगया में ज्ञान प्राप्त करने के बाद सारनाथ में अपना पहला उपदेश दिया था.

भगवान बुद्ध, महान दार्शनिक, आध्यात्मिक विचारक और शिक्षक के रूप में प्रतिष्ठित हैं उन्होंने अपना पहला उपदेश (जिसे अब धर्मचक्रप्रवर्तन सुत्त कहा जाता है) अपने सर्वाधिक अनुशाषित पांच शिष्यों को दिया, जिन्हें सामूहिक रूप से पंचवर्गिका के रूप में जाना जाता है. इसलिए, बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए आषाढ़ पूर्णिमा तिथि का बहुत महत्व है. महात्मा गौतम बुद्ध के इन उपदेशों में मानव जीवन के लिए जरूरी सबक हैं.