अन्तर्राष्ट्रीय

चीनने कोरोना वैक्सीन लगाकर 60 हजार लोगों को हाई रिस्क जोन में भेजा


साल 2020 को अलविदा कहने के लिए तैयार दुनिया इस वक्त कोरोना वैक्सीन तैयार करने में जुटी है। अमेरिका और ब्रिटेन में अबतक दो वैक्सीन का इस्तेमाल शुरू हो गया है. अब चीन ने भी अपनी वैक्सीन के सफल निर्णयों का दावा किया है। चीन का कहना है कि उसने अलग-अलग फेज़ में वैक्सीन का ट्रायल किया, जो सही साबित हुआ है। चीनी वैक्सीन स्टेट काउंसिल के प्रमुख झेंग के मुताबिक, अभी तक वैक्सीन लगने के बाद कोई दिक्कत सामने नहीं आई हऐ, ऐसे में इस वैक्सीन को सुरक्षित माना जा सकता है. झेंग ने बताया कि अगर वैक्सीन लगने के बाद किसी को कोई रिएक्शन नहीं होता है और वायरस से सेफ्टी मिलती है तो ये सफल है। चीन ने अपने यहां करीब दस लाख लोगों पर इमरजेंसी वैक्सीन लगाई है। वैक्सीन देने के बाद कुछ लोगों में रिएक्शन हुआ, लेकिन कोई भी सीरियस नहीं था। चीन ने जब अपने लोगों को वैक्सीन दी, तब करीब 60 हजार ऐसे लोगों को हाई-रिस्क जोन में भेजा जहां कोरोना का खतरा सबसे अधिक था. लेकिन वहां से वापस आए लोगों को किसी तरह का रिएक्शन नहीं हुआ, ऐसे में चीन का दावा है कि उसकी वैक्सीन सुरक्षित है। चीन में मुख्य रूप से तीन कंपनियां वैक्सीन की रेस में आगे हैं,ब्राजील, तुर्की, इंडोनेशिया, बहरीन जैसे देशों में चीनी वैक्सीन का ट्रायल हो रहा है।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के कहर की शुरुआत चीन से ही हुई थी, हालांकि चीन में अप्रैल के बाद से ही कोई बड़ा आउटब्रेक नहीं हुआ. लेकिन दुनियाभर में कोरोना लाखों जानें लील गया. अब चीनी एक्सपट्र्स को भरोसा है कि अगर उनके देश की वैक्सीन सफल होती है, तो दुनिया वुहान के कांड को भूल सकती है.
बता दें कि अभी तक दुनिया में फाइजऱ, मॉर्डना की वैक्सीन का इस्तेमाल शुरू हो गया है. ब्रिटेन, अमेरिका में वैक्सीनेशन जारी भी है. भारत में भी जनवरी की शुरुआत में वैक्सीन को मंजूरी मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.