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छावला सामूहिक दुष्कर्म केस: सुप्रीम कोर्ट ने मौत की सजा का फैसला पलटा,


नई दिल्ली, । दिल्ली के छावला सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में आज सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। वर्ष 2012 में हुए इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने तीनों दोषियों की फांसी की सजा का फैसला पलट दिया। साथ ही अदालत ने इनकी रिहाई का आदेश दिया।

उल्लेखनीय है कि निचली अदालत के फैसले के खिलाफ दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। तीनों दोषियों राहुल, रवि और विनोद को निचली अदालत ने 2014 में मौत की सजा सुनाई थी, जिस पर दिल्ली हाई कोर्ट भी अपनी मुहर लगा चुका था। इसी मामले में सुनवाई के दौरान सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसले को  पलटते हुए तीनों दोषियों की रिहाई के आदेश दिए हैं।

यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस उदय उमेश ललित, जस्टिस एस रवींद्र भट और जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी की बेंच ने सुनाया है। इससे पहले 7 अप्रैल 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने तीनों दोषियों की फांसी की सजा पर फैसला सुरक्षित रखा था।

10 साल पुराना है मामला

सामूहिक दुष्कर्म का यह मामला करीब 10 साल पुराना है। 9 फरवरी 2012 को 17 साल की नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात हुई थी। दरअसल, नाबालिग लड़की दो सहेलियों के साथ रात करीब पौने नौ बजे छावला स्थित हनुमान चौक से घर की तरफ जा रही थी। तभी रास्ते में एक लाल रंग की इंडिका कार आई जिससे दो युवक बाहर निकले और उन्होंने लड़की को जबरन कार में खींच लिया। पहचान छिपाने के लिए युवकों ने अपने मुंह को कपड़े से ढका हुआ था।

रेल की पटरियों के पास मिली थी लड़की की लाश

लड़की के अपहरण के बाद कार नजफगढ़ क्षेत्र स्थित ताजपुर गांव की ओर चली गई। वारदात के चौथे दिन 13 फरवरी को पीड़िता की लाश हरियाणा के झज्जर क्षेत्र स्थित रोढ़ाई गांव के पास रेल की पटरियों के पास से बरामद की गई थी।

पुलिस ने जांच के बाद आरोपित रवि, उसके भाई राहुल और अन्य युवक विनोद को गिरफ्तार किया था। पुलिस के अनुसार, रवि लड़की को पसंद करता था। रवि के प्रेम प्रस्ताव को जब पीड़िता ने ठुकरा दिया तो इस वारदात को रवि ने भाई व दोस्त के साथ मिलकर अंजाम दिया था।

बेरहमी से किया गया था कत्ल

इस मामले में तीनों युवकों पर युवती को अगवा कर उससे कार में सामूहिक दुष्कर्म करने का आरोप लगा था। घटना के बाद कार हरियाणा के झज्जर की तरफ ले जाई गई, जहां उन्होंने पीड़िता से दोबारा दुष्कर्म व कुकर्म किया। इस दौरान पीड़िता के साथ मारपीट की गई और उसी के दुपट्टे से उसका गला घोंट दिया गया। जब वह बेहोशी की हालत में थी तब जैक से पीड़िता के सिर पर कई वार किए गए। इतना ही नहीं मौत की पुष्टि के लिए अभियुक्तों ने लड़की के शव को गर्म लोहे की सलाखों से कई बार दागा था।