पटना

जब तक पृथ्वी रहेगी तब तक ऐतिहासिक एवं पौराणिक महत्ता वाले राजगीर के प्रति लोगों की श्रद्धा रहेगी: मुख्यमंत्री


  • राजगीर पहुंचकर सीएम ने शीतल कुंड एवं मखदूम कुंड में टेका मत्था
  • बन रहे गुरुद्वारा तथा रेस्ट हाउस का लिया जायजा

                                  -:डॉ- कौशलेन्द्र कुमार:-

राजगीर। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार को राजगीर पहुंचकर गुरुद्वारा श्रीनानक देव शीतल कुंड का परिभ्रमण किया, जहां मुख्यमंत्री का स्वागत सिख समुदाय के लोगों ने सरोपा भेंट कर किया। मुख्यमंत्री गुरुद्वारे में मत्था टेका और राज्य के सुख समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री इस दौरान इसी परिसर में बन रहे गुरुद्वारा निर्माण का जायजा लिया। साथ ही आने वाले पर्यटकों के लिए बन रहे रेस्ट हाउस का भी अवलोकन किया। अधिकारियों को निर्देश दिया और कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने गुरुद्वारा एवं रेस्ट हाउस का निर्माण तेजी से कर काम पूरा करने का निर्देश दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री गुरू गोविंद सिंह जी का जन्म बिहार के पटना साहिब है जो बिहार के लिए गौरव की बात है। उनका 354वां प्रकाश पर्व धूमधाम से मनाया गया। बिहार सरकार ने श्रद्धालुओं हेतु हर सुख सुविधा का ध्यान रखा है। गत वर्ष राजगीर में गुरूद्वारा श्री गुरूनानक देव का शिलान्यास किया गया था। जल्द ही यह गुरुद्वारा बनकर तैयार हो जायेगा।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राजगीर का गर्म कुंड अपने आप में अनोखा है। वर्ष 1506 ई. में गुरूनानक देव महाराज यहां आये थे तब वहां पर सभी गर्म कुंड था। ऐसे में उन्होंने कहा कि एक शीतल कुंड भी होना चाहिए। गुरूनानक देव जी जिस कुंड में खड़े हुए तत्काल वह कुंड शीतल हो गया, जो आज भी शीतल कुंड के रूप में जाना जाता है। यह अपने आप में हीं यूनिक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजगीर सर्वधर्म समागम का केंद्र है। इसके साथ ही यह प्राकृतिक संपदाओं से भरा-पूरा है। यहां देखने के लिए बहुत कुछ है और बहुत कुछ संजोया गया है। इसी के तहत वेणुवन का विस्तार किया गया है। घोड़ाकटोरा इको-टूरिज्म को डेवलप किया गया है।

उन्होंने कहा कि मैं कुछ दिन पूर्व ही राजगीर आया था, लेकिन उस दिन वक्त नहीं मिला। आज गुरुनानक देव जी के गुरुद्वारे में आकर मत्था टेका और निर्माण कार्य को देखने और समझने का मौका भी मिला। जिस दिन यहां का गुरुद्वारा बनकर तैयार हो जायेगा। उस दिन मुझे ज्यादा खुशी होगी। इस साल के नवंबर माह तक यह बनकर तैयार हो जायेगा तब पटना साहिब आने वाले लोग गुरुनानक जी के गुरुद्वारे में आकर मत्था जरूर टेकेंगे। मुझे पूरा विश्वास है कि देश-विदेश के लोग भी राजगीर आयेंगे और इस अद्भुत चीज को देखेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजगीर की पौराणिक तथा ऐतिहासिक महत्ता है। इस स्थान के प्रति सब के मन में सम्मान है। यह वहीं राजगीर है जहां मगध साम्राज्य की राजधानी रही है। जब तक पृथ्वी रहेगी लोगों के मन में इस अद्भुत स्थल के प्रति श्रद्ध बरकरार रहेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगाजल को शुद्ध पेयजल के रूप में राजगीर, गया, बोधगया तथा नवादा के लोगों को पहुंचाने के लिए काम किया जा रहा है। राजगीर का भू-जल स्तर इससे मेंटेन रहेगा। कुंडों एवं धाराओं में पानी बहती रहेगी। यहां जो भी जरूरत होगी सारी चीजों की व्यवस्था की जायेगी। लोगोंकी सुविधाओं का ध्यान रखा जायेगा।

इस अवसर पर नालंदा के सांसद कौशलेंद्र कुमार, विधायक व पूर्व मंत्री श्रवण कुमार, विधायक डॉ. जितेंद्र कुमार, कौशल किशोर के अलावे कई जनप्रतिनिधि तथा मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, अनुपम कुमार, नालंदा के डीएम योगेंद्र सिंह, एसपी हरिप्रसाद एस. सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री कुंड भ्रमण के दौरान वहां उपस्थित सिख श्रद्धालुओं से हालचाल भी दिया और फिर प्रसाद ग्रहण किया। बाद में मुख्यमंत्री मखदुम कुंड पहुंचे जहां उन्होंने बाबा मखदुम के मजार पर चादरपोशी की तथा राज्य की समृद्धि की कामना की।