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जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सार्वजनिक इमारतों का नाम शहीदों के नाम पर रखने को मंजूरी


  • भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सार्वजनिक इमारतों का नाम बदलकर शहीदों और प्रख्यात लोगों के नाम पर रखने को बृहस्पतिवार को मंजूरी दी. एक प्रवक्ता ने कहा, “उप राज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में प्रशासनिक परिषद की यहां हुई बैठक में स्कूलों, सड़कों और इमारतों का नाम बदलकर शहीदों और प्रख्यात व्यक्तियों के नाम पर रखने को मंजूरी दी गई. यह ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ पहल के तहत किया गया है.”

बैठक में उप राज्यपाल के सलाहकार फारूक खान और राजीव राय भटनागर, जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता और उप राज्यपाल के प्रधान सचिव नीतीश्वर कुमार मौजूद थे. जम्मू और कश्मीर सरकार ने अपनी विज्ञप्ति में सूचित किया, “केंद्र शासित प्रदेश की सुरक्षा और विकास के लिए असाधारण योगदान देने वालों के सम्मान और स्वीकृति के रूप में, कई बुनियादी ढांचों के नाम उन लोगों के नाम पर रखा जाएगा जिन्होंने राष्ट्र के लिए जान गंवाई.”

यह महोत्सव भारत के लोगों को समर्पित है

आज़ादी का अमृत महोत्सव भारत सरकार की एक पहल है जो प्रगतिशील भारत के 75 साल और इसके लोगों, संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास का जश्न मनाने के लिए है. यह महोत्सव भारत के लोगों को समर्पित है, जिन्होंने न केवल भारत को अपनी विकास यात्रा में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, बल्कि उनके भीतर प्रधानमंत्री मोदी के भारत 2.0 को सक्रिय करने के दृष्टिकोण को सक्षम करने की शक्ति और क्षमता भी है. यह आत्मनिर्भर भारत की भावना से प्रेरित है. आजादी का अमृत महोत्सव भारत की सामाजिक-सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक पहचान से जुड़ा है. “आज़ादी का अमृत महोत्सव” की आधिकारिक यात्रा 12 मार्च 2021 को शुरू हुई और 15 अगस्त 2023 को समाप्त होगी.