पटना

जातीय जनगणना पर जल्द होगा सर्वसम्मत निर्णय : नीतीश


      • कृषि कानूनों की वापसी पर पीएम ने कर दी स्थिति स्पष्ट
      • शराबबंदी को लेकर लोगों को करेंगे जागरूक

(आज समाचार सेवा)

पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि राज्य में जातीय जनगणना कराने को लेकर जल्द ही सर्वसम्मत निर्णय लेंगे। जातीय जनगणना जरूरी है। इसे किसी भी हाल में टाला नहीं जा सकता है। मुख्यमंत्री शुक्रवार को तीन दिन के दिल्ली प्रवास के बाद लौटने पर पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना को लेकर पूरा बिहार एकमत है। बिहार की तमाम राजनीतिक पार्टियों का शिष्टïमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर अपनी बातों को कही थी। बावजूद केंद्र बिहार की मांग को मानने से इनकार कर दिया था। उसी वक्त मैं स्वयं और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव समेत अन्य दलीय नेताओं ने अपने खर्च पर जातीय जनगणनाा कराने की मांग की थी। उस वक्त हमने कहा था कि उप चुनाव के बाद इस पर निर्णय लेंगे। २९ नवंबर से विधानमंडल का शीतकालीन सत्र प्रारंभ होने वाला है। इसी के इर्द-गिर्द एक बार फिर सर्वदलीय बैठक होगी उसमें निर्णय लिया जायेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन कृषि कानूनों को वापस लिये जाने संबंधित भारत सरकार के फैसले की घोषणा  करने के संदर्भ में कहा कि प्रधानमंत्री जी ने सभी तथ्यों से लागों को बताया है। कानून बनाने की मंशा के सदर्भ में उन्होंने बताया कि यह किसानों के हित में था, परंतु देश की जनता ने नकार दिया। पीएम ने सारी बातो को बता दिया है। शराबबंदी को लेकर विपक्ष के आरोपों के संदर्भ में कहा कि कौन क्या बोलता है उससे हमकों मतलब तो है नहीं। हम तो सिर्फ जनता की सेवा करना जानते हैं।

शराबबंदी को प्रभावी बनाने के लिए एकबार फिर से जागरूकता अभियान चलाया जायेगा। हमने तो महिलाओं की मांग पर इस काननू को लाया था। किस तरह शराबबंदी कानून के पक्ष में पूरा राज्य एकजुट होकर शपथ लिया था। आज उसमें से कुछ लोग दायें बायें बोल रहे हैं तो बोलें। जान लीजिये शराबबंदी कानून के साथ कोई समझौता नहीं किया जायेगा। इसे और सख्ती से लागू किया जायेगा। पुलिस को नये सिरे से स्पष्ट कर दिया गया है। सभी को अपनी-अपनी जिम्मेवारी से अवगत करा दिया गया है। मुख्यमंत्री के साथ जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा भी दिल्ली से लौटे हैं।